काफी समय से सुस्ती झेल रहे भारतीय शेयर बाजार में अब फिर से रौनक लौट आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और H-1B वीजा के प्रभाव से जो दबाव बना था, उससे अब बाजार संभल चुका है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन्स में से 5 दिन बाजार हरे निशान में बंद हुआ है। गुरुवार को सेंसेक्स 82,172.10 अंकों पर बंद हुआ, जो निवेशकों के लिए उत्साहजनक संकेत है। बुधवार को हल्की गिरावट को छोड़ दें तो बाजार ने लगातार तेजी दिखाई है।
तेजी के पीछे विदेशी निवेशकों का भरोसा
मार्केट में जारी तेजी का मुख्य कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की वापसी को माना जा रहा है। विदेशी निवेशक, जिन्होंने पिछले महीनों में भारी बिकवाली की थी, अब फिर से भारतीय बाजार में भरोसा जता रहे हैं। विदेशी पूंजी के प्रवाह ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, जिससे बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है।
ग्लोबल तनाव के बावजूद मार्केट में जोश
वैश्विक स्तर पर अभी भी आर्थिक अनिश्चितता और जियोपॉलिटिकल टेंशन बनी हुई है, जिसके चलते कुछ समय पहले निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से दूरी बना ली थी। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। गुरुवार को सेंसेक्स करीब 400 अंकों की तेजी के साथ 82,171.74 पर बंद हुआ। बीते दो कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में बड़ी रकम निवेश की है, जिससे बाजार में जोश लौटा है। घरेलू निवेशकों ने भी इस पूरे दौर में भारतीय बाजार को लगातार सपोर्ट किया है।
एफपीआई की वापसी ने बढ़ाया विश्वास
आंकड़ों के मुताबिक, 7 और 8 अक्टूबर 2025 को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार में जमकर पैसा लगाया। 7 अक्टूबर को 1,440 करोड़ रुपये और 8 अक्टूबर को 81.28 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने 7 अक्टूबर को 452.57 करोड़ रुपये और 8 अक्टूबर को 329.96 करोड़ रुपये बाजार में डाले। इससे यह साफ है कि भारतीय इक्विटी में निवेशकों का भरोसा एक बार फिर मजबूत हो रहा है।
सितंबर में हुई थी रिकॉर्ड बिकवाली
हालांकि, हालिया तेजी से पहले बाजार पर विदेशी बिकवाली का साया गहरा था। सितंबर 2025 में एफपीआई ने करीब 23,885 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो लगातार तीसरे महीने की भारी बिकवाली थी। इससे पहले अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने कुल 1.58 लाख करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाले थे।
निवेशकों के लिए नई उम्मीदें
लगातार तीन महीने की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों की वापसी ने भारतीय बाजार को नई ऊर्जा और स्थिरता दी है। घरेलू निवेशकों के भरोसे और विदेशी पूंजी के दोबारा आने से सेंसेक्स ने फिर से गति पकड़ी है। अगर यही रुझान जारी रहा, तो आने वाले हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर नए उच्च स्तरों को छू सकता है।