Chocolate or Biscuits: दांतों की सेहत के लिए जरूरी है ये छोटी आदतें,जानें एक्सपर्ट की राय

दांत और मसूड़े सिर्फ मुंह तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि आपकी पूरी सेहत से जुड़े हैं। बच्चों में कैविटी की समस्या आम है। इसका मुख्य कारण मीठा खाना है। बच्चे चॉकलेट पसंद करते हैं और पेरेंट्स ग्लूकोज बिस्किट भी देते हैं, सोचकर कि यह नुकसान नहीं करता। लेकिन ग्लूकोज बिस्किट में भी शुगर होती है, जो ज्यादा खाने पर दांतों और सेहत दोनों के लिए हानिकारक है।

दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले कारण

दांत और मसूड़ों की समस्या कई कारणों से होती है। इनमें ओरल हाइजीन न रखना, तंबाकू या गुटखा का सेवन, ब्रश सही तरीके से न करना, फ्लॉसिंग न करना, नाखून चबाना, खट्टे और मीठे खाने का ज्यादा सेवन और कुछ दवाओं का असर शामिल है। इससे दांतों की ऊपरी परत यानी इनेमल खराब हो सकती है और कैविटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

चॉकलेट और ग्लूकोज बिस्किट में क्या फर्क है?

अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर की सीनियर डेंटिस्ट डॉ. लक्ष्मी टंडन के अनुसार, चॉकलेट और ग्लूकोज बिस्किट दोनों ही दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इन्हें कितनी बार और कितनी मात्रा में खाते हैं। सीमित मात्रा में मीठा खाने से नुकसान नहीं होता, लेकिन सही ओरल हाइजीन का पालन जरूरी है। चॉकलेट में शुगर होती है, जबकि ग्लूकोज बिस्किट में शुगर और स्टार्च दोनों होते हैं। ये मुंह में बैक्टीरिया को एक्टिव कर एसिड बनाते हैं, जो दांतों की इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। इनेमल कमजोर होने पर ठंडी-गर्म चीजें खाने पर दर्द या झनझनाहट महसूस हो सकती है।

कौन ज्यादा नुकसान करता है?

ग्लूकोज बिस्किट चॉकलेट के मुकाबले दांतों पर ज्यादा देर तक चिपक सकते हैं, जिससे कैविटी का खतरा बढ़ जाता है। वहीं डार्क चॉकलेट में शुगर कम होती है और जल्दी घुल जाती है, इसलिए यह दांतों के लिए थोड़ी कम हानिकारक होती है। सफेद चॉकलेट ज्यादा चिपकती है और कैविटी का खतरा बढ़ाती है।

ओरल हाइजीन का ध्यान रखें

दांतों को स्वस्थ रखने के लिए दिन में दो बार ब्रश करना, फ्लॉस करना और टंग क्लीनर से जीभ साफ करना जरूरी है। मीठा खाने के बाद और खाना खाने के बाद पानी से कुल्ला करना चाहिए। बच्चों में यह आदत डालना बहुत जरूरी है ताकि दांतों पर खाने के कण चिपकें नहीं और कैविटी न हो।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra