बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। हर ओर यह चर्चा है कि इस बार बिहार में किसकी सरकार बनेगी, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन, आरजेडी का महागठबंधन, या फिर प्रशांत किशोर (पीके) की जन सुराज पार्टी कोई नया समीकरण बनाएगी। इस बीच, आईएएनएस-मैट्रिज (IANS-Matrize) के एक सर्वे में दिलचस्प नतीजे सामने आए हैं।
एनडीए को मिल सकती है बहुमत से बड़ी जीत
सर्वे के अनुसार, इस बार बिहार में एनडीए की वापसी लगभग तय मानी जा रही है। सर्वे में एनडीए को करीब 49-50% वोट शेयर मिलने की संभावना जताई गई है। सीटों के लिहाज से यह आंकड़ा 150 से 160 सीटों तक जा सकता है। यानी डबल इंजन की सरकार एक बार फिर सत्ता में लौट सकती है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि सत्ता विरोधी लहर मौजूद जरूर है, लेकिन विपक्ष इसे एनडीए के खिलाफ बड़ी लहर में नहीं बदल पाएगा।
महागठबंधन को मिल सकती है 70-85 सीटें
आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल) को इस सर्वे में 36% वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है। अनुमान के मुताबिक, गठबंधन को 70 से 85 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, सर्वे में यह भी कहा गया है कि आरजेडी और बीजेपी दोनों का प्रदर्शन मजबूत रहेगा और दोनों को लगभग 21% वोट शेयर मिलने की उम्मीद है।
जन सुराज पार्टी का उभरता ग्राफ
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को इस सर्वे में 7% वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पार्टी 2 से 5 सीटें जीत सकती है। भले ही जन सुराज फिलहाल नई पार्टी है, लेकिन उसका ग्राउंड नेटवर्क और प्रचार अभियान कुछ सीटों पर असर डाल सकता है।
अन्य दलों का प्रदर्शन
जेडीयू (JDU) को करीब 18% वोट शेयर और 60-65 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग पासवान गुट) को 6% वोट शेयर और 4-6 सीटें मिल सकती हैं।
कांग्रेस इस बार कमजोर नजर आ रही है। सर्वे के मुताबिक, उसे सिर्फ 8% वोट शेयर मिलने की उम्मीद है।
बीएसपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और अन्य छोटे दलों को मिलाकर करीब 7% वोट शेयर मिलने की संभावना है, जो 7-10 सीटों के बराबर है।
AIMIM (असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी) को मात्र 1% वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
कब और कैसे होंगे चुनाव
बिहार में दो चरणों में मतदान होगा, पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह सर्वे साफ इशारा देता है कि इस बार मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच रहेगा, लेकिन पीके की जन सुराज पार्टी कुछ सीटों पर समीकरण बिगाड़ सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सर्वे के ये अनुमान नतीजों में कितना सटीक साबित होते हैं।