Government कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत, ड्रेस भत्ता नियमों में बदलाव, अब नए और रिटायर होने वाले दोनों को फायदा

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए ड्रेस भत्ता (Dress Allowance) से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं। अब 1 जुलाई 2025 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले नए कर्मचारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे। वहीं साल के बीच में जॉइन या रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए भी भत्ते का भुगतान अब स्पष्ट नियमों के तहत होगा।

नए नियम से मिली राहत

डाक विभाग की ओर से जारी 24 सितंबर 2025 के आदेश में कहा गया है कि जो कर्मचारी मध्य वर्ष में सेवा में शामिल होते हैं या रिटायर होते हैं, उन्हें अब अनुपातिक आधार पर ड्रेस भत्ता दिया जाएगा। इससे पहले ऐसे मामलों में भत्ते के भुगतान को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। अब यह साफ हो गया है कि सभी कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के अनुसार ड्रेस भत्ता मिलेगा।

क्या है ड्रेस भत्ता?

ड्रेस भत्ता वह राशि है जो सरकार उन कर्मचारियों को देती है जिन्हें ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म पहननी होती है। वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2017 में जारी सर्कुलर में बताया था कि यह भत्ता पुराने कई भत्तों को मिलाकर दिया जाता है- जैसे कपड़ा भत्ता, यूनिफॉर्म रखरखाव भत्ता, जूता भत्ता, बेसिक इक्विपमेंट भत्ता और गाउन भत्ता।

जुलाई की सैलरी के साथ मिलेगा भत्ता

डाक विभाग के अनुसार, ड्रेस भत्ता हर साल जुलाई की सैलरी के साथ दिया जाता है। कई कर्मचारी जो इस वर्ष रिटायर हो रहे हैं, उन्हें पहले ही पूरा या आधा भत्ता मिल चुका है। हालांकि, नए नियमों के तहत अक्टूबर 2025 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों से जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त भुगतान की वसूली की जा सकती है। लेकिन जो कर्मचारी 30 सितंबर 2025 से पहले रिटायर हो चुके हैं, उनसे किसी तरह की रिकवरी नहीं होगी।

नए कर्मचारियों के लिए स्पष्टता

सरकार ने यह भी साफ किया है कि जुलाई 2025 से पहले जॉइन करने वाले कर्मचारियों को पुराने नियमों के तहत भत्ता दिया जाएगा। वहीं, जिन कर्मचारियों को पिछले साल का ड्रेस भत्ता जुलाई 2025 की सैलरी में शामिल नहीं किया गया, उनकी गलती सुधारने के निर्देश विभाग को दिए गए हैं।

कर्मचारियों के लिए फायदेमंद फैसला

सरकार का यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो साल के बीच में जॉइन या रिटायर होते हैं। इससे अब यह तय हो गया है कि किसी को भी ड्रेस भत्ते के भुगतान को लेकर परेशानी या असमंजस की स्थिति नहीं झेलनी पड़ेगी।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra