Bihar चुनाव में बढ़ी गरमी, बीजेपी का बड़ा दांव, पवन सिंह की हुई री-एंट्री, राजपूत वोट बैंक साधने की कोशिश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी स्टार पवन सिंह की एनडीए में वापसी ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। मंगलवार (30 सितंबर) को पवन सिंह बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े के साथ बिहार लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आवास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कुशवाहा के पैर छुए और गले लगाया। इस मुलाकात ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।

कुशवाहा-पवन का मेल-मिलाप

लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह के निर्दलीय उतरने से आरा में उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त दोनों जातियों के वोटर आमने-सामने आ गए थे। इसी वजह से कुशवाहा पवन सिंह की वापसी के खिलाफ थे। हालांकि अब हालात बदल गए हैं और दोनों नेताओं का साथ आना यह दिखाता है कि पुराने मतभेद भुलाकर नई शुरुआत की जा रही है।

आरके सिंह के बगावती सुर का जवाब?

बीजेपी पवन सिंह को वापस लाने में इसलिए भी सक्रिय हुई क्योंकि हाल ही में वह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से मिले थे। आरके सिंह के बागी तेवरों ने आरा सीट पर पार्टी के लिए संकट खड़ा कर दिया था। ऐसे में पवन सिंह की एंट्री को पार्टी न सिर्फ आरके सिंह का विकल्प मान रही है बल्कि राजपूत वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति भी बता रही है।

अमित शाह और नड्डा से भी मुलाकात

कुशवाहा से मुलाकात के बाद पवन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भेंट की। इन बैठकों से साफ है कि उनकी वापसी अब आधिकारिक हो चुकी है और वो अपनी राजनीतिक दूसरी पारी शुरू करने के लिए तैयार हैं।

शाहाबाद-मगध में असर का अनुमान

बीजेपी मानती है कि पवन सिंह की स्टार पावर शाहाबाद और मगध इलाके की 24-25 सीटों पर असर डाल सकती है। 2020 विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी को 11, आरजेडी को 10 और कांग्रेस को 4 सीटें मिली थीं। पार्टी का मानना है कि पवन सिंह से 3-4% वोट बढ़ सकते हैं, जो हार-जीत का अंतर तय करने में अहम साबित होंगे।

राजपूत वोट बैंक साधने की रणनीति

पवन सिंह खुद राजपूत समाज से आते हैं। उनकी वापसी से बीजेपी को उम्मीद है कि आरा, बक्सर, रोहतास और कैमूर जैसे इलाकों में राजपूत वोटर्स एकजुट होंगे। यह कदम आरके सिंह की नाराजगी का तोड़ भी माना जा रहा है। हालांकि विपक्ष इसे कुशवाहा के खिलाफ साजिश बताकर निशाना साध रहा है।

नया मोड़ ले रही चुनावी सियासत

पवन सिंह की एनडीए में री-एंट्री ने चुनावी गणित में नया मोड़ ला दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या भोजपुरी स्टार का जादू वाकई वोटों में तब्दील होगा और क्या वो एनडीए का किला मजबूत करने में मददगार साबित होंगे।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra