GPS का सच: पूरी दुनिया सिर्फ अमेरिका पर नहीं, 6 देशों का है अपना सैटेलाइट नेटवर्क

आज की डिजिटल दुनिया में GPS हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना हो, कैब बुक करनी हो या किसी नए इलाके में रास्ता ढूंढना, हर जगह GPS की मदद ली जाती है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि दुनिया भर में सिर्फ अमेरिका का GPS नहीं, बल्कि कुल छह बड़े देशों और समूहों के पास अपने-अपने सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम मौजूद हैं।

GNSS: नेविगेशन का तकनीकी नाम

किसी भी नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को तकनीकी भाषा में GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम कहा जाता है। यह कई सैटेलाइट्स का नेटवर्क होता है जो लगातार पृथ्वी पर सिग्नल भेजते हैं। हमारे फोन या कार में मौजूद रिसीवर इन सिग्नलों को पकड़कर हमारी सटीक लोकेशन बता देते हैं। इस काम के लिए कम से कम चार सैटेलाइट्स का सिग्नल जरूरी होता है।

GPS: अमेरिका का दिग्गज सिस्टम

दुनिया का सबसे पुराना और सबसे लोकप्रिय सिस्टम GPS है, जिसे अमेरिका ने विकसित किया था। इसके पास 24 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं जो धरती से करीब 20,200 किलोमीटर की ऊंचाई पर घूमते हैं। स्मार्टफोन और गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर नेविगेशन इसी पर आधारित है।

GLONASS और BeiDou: रूस और चीन के सिस्टम

रूस का GLONASS सिस्टम 1980 के दशक से काम कर रहा है। इसमें भी 24 सैटेलाइट्स हैं और कुछ क्षेत्रों में यह GPS से बेहतर साबित होता है।

चीन का BeiDou सिस्टम पहले केवल क्षेत्रीय स्तर पर काम करता था, लेकिन अब यह पूरी दुनिया को कवर करता है और इसके पास 35 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं।

Galileo और NavIC: यूरोप और भारत की तकनीक

यूरोपियन यूनियन का Galileo सिस्टम अपनी हाई-एक्यूरेसी के लिए जाना जाता है। इसमें 28 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं और यह खासकर नागरिक उपयोग के लिए बनाया गया है।

भारत ने भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहकर ISRO के माध्यम से NavIC तैयार किया है। इसमें 7 सैटेलाइट्स शामिल हैं और यह भारत तथा इसके आसपास के इलाकों में बेहद सटीक लोकेशन डेटा देता है। इसे 2013 में लॉन्च किया गया और यह सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है।

QZSS: जापान का क्षेत्रीय सहयोग

जापान का QZSS सिस्टम एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह GPS के साथ मिलकर काम करता है और उन इलाकों में बेहद उपयोगी है, जहां GPS सिग्नल कमजोर पड़ जाता है।

दुनिया GPS पर ही नहीं चलती

साफ है कि पूरी दुनिया केवल अमेरिका के GPS पर निर्भर नहीं है। छह देशों और समूहों ने अपनी तकनीक के दम पर अपने-अपने नेविगेशन सिस्टम खड़े किए हैं। ये सिस्टम न केवल सुरक्षा के लिहाज से अहम हैं बल्कि तकनीकी स्वतंत्रता और रणनीतिक बढ़त के लिए भी जरूरी हैं।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra