हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का पर्व भगवान कार्तिकेय (स्कंद) को समर्पित है। हर माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाने वाला यह दिन खास महत्व रखता है। यह तिथि विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव शांत होते हैं और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 27 सितंबर 2025, शनिवार को दोपहर 12:03 बजे प्रारंभ होगी। उदया तिथि के कारण व्रत और पूजा का महत्व इसी दिन रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस दिन किए गए उपाय शीघ्र फलदायी होते हैं और मंगल दोष से मुक्ति दिलाते हैं।
क्यों खास है स्कंद षष्ठी और मंगल दोष का संबंध?
पौराणिक मान्यताओं में भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति कहा गया है। वे मंगल ग्रह के कारक देव भी माने जाते हैं। जिन जातकों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें विवाह में विलंब, वैवाहिक कलह, कर्ज और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा से मंगल के दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
स्कंद षष्ठी पर करें विशेष पूजा
इस दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें लाल फूल, विशेषकर गुलाब अर्पित करें। कपूर, सिंदूर और रोली चढ़ाकर पूजा करें। भोग में खीर या मिष्ठान्न चढ़ाकर बाद में इसे प्रसाद के रूप में बांटें।
स्कंद षष्ठी स्तोत्र और मंत्र जाप का महत्व
मंगल दोष से मुक्ति के लिए इस दिन ‘स्कंद षष्ठी स्तोत्र’ का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। पूरे श्रद्धा भाव से इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं। साथ ही, भगवान कार्तिकेय के मंत्र-
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः स्कन्दः प्रचोदयात्”
का कम से कम 108 बार जाप करें।
लाल वस्तुओं का दान और अभिषेक
मंगल ग्रह का रंग लाल माना जाता है। इस दिन लाल मसूर, गुड़, तांबा और लाल वस्त्र का दान करना अत्यंत शुभ है। यदि संभव हो तो जल में गुड़ मिलाकर भगवान कार्तिकेय का अभिषेक करें। यह उपाय विशेष रूप से कर्ज और जमीन-जायदाद के विवादों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
मंगल दोष निवारण का वरदान
मान्यता है कि स्कंद षष्ठी के दिन किए गए ये सभी उपाय विवाह, वैवाहिक जीवन और आर्थिक परेशानियों से जुड़े मंगल दोष को शांत करते हैं। भगवान कार्तिकेय की कृपा से भक्तों को जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।