मुंबई की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग एप फेयरप्ले के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने लगभग 307.16 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर ली हैं। जब्त की गई ज्यादातर प्रॉपर्टीज दुबई (UAE) में हैं, जिनमें फ्लैट्स, विला, जमीन और बैंक अकाउंट्स शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई है।
कैसे शुरू हुआ मामला?
यह केस तब सामने आया जब मुंबई साइबर पुलिस में एक मीडिया कंपनी ने FIR दर्ज कराई। कंपनी का आरोप था कि फेयरप्ले एप की वजह से उसे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद देशभर में इस कंपनी और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कई FIR दर्ज हुईं। मामला गंभीर होता देख जांच ED को सौंप दी गई।
जांच में क्या निकला?
ED की जांच में खुलासा हुआ कि फेयरप्ले का असली मास्टरमाइंड कृष लक्ष्मीचंद शाह है। वह दुबई से पूरे नेटवर्क को ऑपरेट करता था। शाह ने दुबई, कुराकाओ और माल्टा में कई कंपनियां रजिस्टर्ड कर रखी थीं, जिनके जरिए पूरे बेटिंग एप का संचालन होता था। गैरकानूनी कमाई से शाह और उसके परिवार ने दुबई में महंगी प्रॉपर्टीज खरीदीं। जांच में यह भी पता चला कि फर्जी ट्रेडिंग और हवाला के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये विदेश भेजे गए।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब फेयरप्ले के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई हुई हो। इससे पहले भी ED ने कई बार छापेमारी की थी। नवंबर 2024 से जनवरी 2025 तक एजेंसी ने बड़ी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए। फरवरी 2025 में चिंतन शाह और चिराग शाह नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
अब तक 651 करोड़ की संपत्ति अटैच
इस साल अप्रैल 2025 में ED ने स्पेशल PMLA कोर्ट, मुंबई में इस केस से जुड़ी चार्जशीट दाखिल की थी। अब तक एजेंसी कुल 651 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां अटैच और सीज कर चुकी है। जांच अभी भी जारी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कंपनी की और भी प्रॉपर्टीज पर ईडी का शिकंजा कस सकता है।
फेयरप्ले एप पर ED की कार्रवाई ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की गहराई को उजागर कर दिया है। एजेंसी अब धीरे-धीरे इस पूरे नेटवर्क की परतें खोल रही है।