Bihar Elections 2025: नवरात्र में एनडीए में सीट बंटवारे की गूंज, छोटे दलों की बड़ी मांग

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीति गरमा गई है। सभी दल मैदान में उतरने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चाओं का दौर शुरू होने वाला है। खबर है कि नवरात्र के दौरान इस पर गहन बातचीत होगी और जल्द ही फार्मूला तय किया जाएगा।

छोटे दलों की बड़ी मांग

एनडीए में शामिल छोटे घटक दल जैसे चिराग पासवान की एलजेपी, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम ज्यादा सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं। ये दल मानते हैं कि चुनाव पास आने पर बड़े दल बीजेपी और जेडीयू के दबाव में उन्हें कम सीटें स्वीकार करनी पड़ सकती हैं। यही वजह है कि सार्वजनिक मंचों पर छोटे दल लगातार अपनी मांगों को जोर-शोर से उठा रहे हैं।

नवरात्र में चर्चा क्यों?

सूत्रों के मुताबिक नवरात्र के दौरान बातचीत शुरू करने से छोटे दलों की बेचैनी और असमंजस कुछ हद तक कम किया जा सकेगा। हालांकि, बीजेपी और जेडीयू का मानना है कि सीट बंटवारे की प्रक्रिया जल्द पूरी होने से दल-बदल और खींचतान जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसलिए अंतिम फैसला चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद ही किया जाएगा।

कार्यकर्ताओं को साधने की कवायद

जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि छोटे दल अपनी मांगों से ज्यादा अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी दलों की ठीक से भागीदारी सुनिश्चित होगी। त्यागी के मुताबिक सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर के पहले हफ्ते में सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बन जाएगी।

पिछली बार के फॉर्मूले पर टिकेगा एनडीए

जानकारी के मुताबिक इस बार भी एनडीए सीटों का बंटवारा पिछली विधानसभा चुनाव की तर्ज पर करेगा। हालांकि, चिराग पासवान की एलजेपी को एडजस्ट करने के लिए थोड़ा फेरबदल संभव है। इससे गठबंधन की एकजुटता बनी रहेगी और सभी दल चुनावी मैदान में संतुलन के साथ उतरेंगे।

बीजेपी और जेडीयू को 100-100 सीटें

बीजेपी और जेडीयू के बीच लगभग सहमति बन चुकी है कि दोनों 100-100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। एनडीए में कुल पांच दल हैं। ऐसे में करीब 40 सीटों को शेष तीन छोटे दलों के बीच बांटा जाएगा। यह बंटवारा कितना संतुलित रहता है, यह आने वाले दिनों की सबसे बड़ी सियासी परीक्षा होगी।

बिहार चुनाव 2025 में सीटों का गणित जितना अहम है, उतनी ही अहम दलों के बीच तालमेल की कला भी है। नवरात्र में होने वाली चर्चाओं से साफ है कि एनडीए अपने घटकों को साधने की हर कोशिश करेगा, ताकि चुनावी रणभूमि में कोई कसर न रहे।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra