पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशिया कप 2025 में बड़ा कदम उठाते हुए टूर्नामेंट से बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। मामला केवल एक मैच का नहीं बल्कि उस विवाद का है, जिसकी शुरुआत भारत-पाक मुकाबले से हुई थी। बुधवार 17 सितंबर को दुबई में पाकिस्तान और UAE के बीच ग्रुप-ए का नॉकआउट मैच होना था। शाम 8 बजे शुरू होने वाले इस मैच से महज दो घंटे पहले तक भी पाकिस्तानी टीम होटल से बाहर नहीं निकली। आखिरकार PCB ने न केवल इस मैच से, बल्कि पूरे टूर्नामेंट से हटने का फैसला कर लिया।
भारत-पाक मैच से शुरू हुआ विवाद
14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। मैच से पहले टॉस के दौरान दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया। इसके पीछे PCB ने आरोप लगाया कि रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने खिलाड़ियों को हाथ मिलाने से रोका। इस शिकायत के आधार पर पाकिस्तान ने ICC से मांग की कि रेफरी को एशिया कप से हटा दिया जाए। PCB का कहना था कि ये क्रिकेट की स्पिरिट के खिलाफ है और इसने माहौल खराब किया।
ICC का दो टूक जवाब
पाकिस्तान की मांग पर ICC ने साफ कह दिया कि रेफरी को हटाने की कोई वजह नहीं है। PCB की शिकायत खारिज कर दी गई। इसके बाद पाकिस्तान ने धमकी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे UAE के खिलाफ मैच का बहिष्कार करेंगे। मंगलवार देर रात PCB ने दुबई में आपात बैठक बुलाई। अमीरात क्रिकेट बोर्ड ने भी बीच-बचाव की कोशिश की और रिपोर्ट्स आईं कि समझौते के तहत पाकिस्तान के मैचों के लिए रिची रिचर्डसन को रेफरी बनाया जाएगा।
दूसरी बार भी नाकामी
लेकिन बुधवार सुबह PCB ने दोबारा ICC को ईमेल कर पायक्रॉफ्ट को तुरंत हटाने की मांग दोहराई। इस पर एक बार फिर ICC अधिकारियों ने बैठक की और PCB की मांग ठुकरा दी। इसके बाद ही PCB ने टूर्नामेंट से बाहर होने का एलान कर दिया।
सुपर-4 की जंग पर असर
ग्रुप-ए में पाकिस्तान और UAE का मैच सुपर-4 में जगह बनाने के लिए निर्णायक था। जो टीम जीतती, उसका सामना भारत से होता। लेकिन पाकिस्तान के बहिष्कार ने टूर्नामेंट का समीकरण बदल दिया। अब सीधे UAE की टीम को सुपर-4 में जगह मिल जाएगी।
विवाद से ज्यादा नुकसान पाकिस्तान का
विशेषज्ञों का मानना है कि PCB का ये कदम उसके लिए ही नुकसानदायक साबित होगा। क्रिकेट से ज्यादा राजनीति हावी हो गई और टीम मैदान पर उतरने से पहले ही हार गई। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में भाग न लेने का असर पाकिस्तान क्रिकेट की साख और खिलाड़ियों के मनोबल पर भी पड़ सकता है। यह साफ है कि एक रेफरी विवाद ने पूरे टूर्नामेंट का माहौल बदल दिया है। अब सभी की निगाहें इस पर होंगी कि ICC इस मसले पर आगे क्या रुख अपनाता है और PCB के इस बहिष्कार का लंबी अवधि में क्या असर होता है।
