Gen-Z आंदोलन की आंच में ओली का इस्तीफ़ा, कार्की संभालेंगी सत्ता की कमान

नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच आखिरकार देश को नया नेतृत्व मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कार्की आज ही राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगी। शपथ ग्रहण के बाद वह कार्यभार संभालते हुए राजनीतिक अस्थिरता को थामने की कोशिश करेंगी।

संसद भंग, चुनाव की तैयारी

नेपाल की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने संसद को भंग करने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, देश में आम चुनाव कराए जाएंगे। यह फैसला राष्ट्रपति भवन में हुई एक अहम बैठक में लिया गया, जिसमें विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संसद भंग कर अंतरिम सरकार का गठन करना मौजूदा स्थिति को संभालने का सबसे व्यावहारिक रास्ता है।

क्यों देना पड़ा ओली को इस्तीफा

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को हाल ही में जोरदार जनविरोध के चलते पद छोड़ना पड़ा। दरअसल, Gen-Z आंदोलन के तहत युवाओं ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू किए थे। हालात इतने बिगड़ गए कि संसद भवन पर हमला हुआ और कई सरकारी इमारतों में आगजनी की गई। इस दौरान सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ गुस्साई भीड़ ने पूर्व पीएम की पत्नी पर भी हमला कर उन्हें जिंदा जला दिया। इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया और ओली सरकार पूरी तरह से घिर गई।

51 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन प्रदर्शनों में अब तक 51 लोगों की जान गई, जिनमें एक भारतीय नागरिक और तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सैकड़ों लोग घायल हैं और कई अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना था कि सरकार सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाकर तानाशाही लागू करना चाह रही थी। अंततः सरकार को यह प्रतिबंध हटाना पड़ा।

कार्की के सामने बड़ी चुनौती

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और अब उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में जिम्मेदारी मिली है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून-व्यवस्था बहाल करने, युवाओं के गुस्से को शांत करने और निष्पक्ष चुनाव की तैयारी करने की होगी। राजनीतिक दलों और नागरिक समाज को उम्मीद है कि उनका अनुभव और ईमानदार छवि नेपाल को संकट से बाहर निकालने में मदद करेगी।

नेपाल आज एक नाज़ुक दौर से गुजर रहा है। कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार कितना स्थायित्व ला पाएगी, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra