Dream Science and Pitru Paksha: सपनों में पितरों का आना क्या देता है संकेत? पढ़ें

पितृपक्ष का हिंदू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। माना जाता है कि इस दौरान पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों का तर्पण व श्राद्ध स्वीकार करते हैं। साल 2025 में पितृपक्ष 7 सितंबर से शुरू हो चुका है। इस खास समय में अक्सर लोगों को अपने पितरों के स्वप्न आते हैं, जो जीवन से जुड़े शुभ-अशुभ संकेत माने जाते हैं। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, पितृ का सपने में आना महज एक दृश्य नहीं, बल्कि गहरी आध्यात्मिक व्याख्या रखता है।

सपनों में पितृ का दर्शन क्यों होता है?

पितृपक्ष के दिनों में माना जाता है कि पूर्वज अपने वंशजों से संपर्क साधने आते हैं। वे सपनों के जरिए अपने संदेश, इच्छाएं या आशीर्वाद प्रकट करते हैं। अगर पितृ किसी चीज़ की मांग करते हुए दिखें, तो यह इस बात का संकेत है कि उनकी कोई इच्छा अधूरी है। ऐसे में परिवार को उस इच्छा को पूरी करनी चाहिए, ताकि पितृ तृप्त होकर आशीर्वाद दें।

हंसते-मुस्कुराते पितृ : शुभ संदेश

अगर सपने में पितृ आपको प्रसन्न मुद्रा में दिखें, हंसते या मुस्कुराते हुए नजर आएं, तो यह बहुत शुभ माना जाता है। इसका अर्थ है कि वे आपकी आस्था और कर्मों से संतुष्ट हैं और आपको आशीर्वाद देने आए हैं। ऐसे सपने आने पर जीवन में सकारात्मकता और सफलता के अवसर बढ़ते हैं।

उदास या नाराज पितृ : सावधान रहने का संकेत

वहीं, अगर पितृ सपने में रोते, उदास या डांटते हुए दिखें, तो यह इस बात का संकेत है कि वे आपसे रुष्ट हैं। संभव है कि आपने कोई गलती की हो या उनके श्राद्ध-कर्म में कमी रह गई हो। ऐसे स्वप्न के बाद अपनी भूल स्वीकार कर पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही उनके नाम से दान-पुण्य करने की सलाह दी जाती है।

अधूरी इच्छाएं और उनका समाधान

यदि पितृ सपने में आकर विशेष मांग करें, जैसे भोजन, वस्त्र या कोई खास कार्य, तो इसका अर्थ है कि उनकी आत्मा उस चीज़ की अपेक्षा कर रही है। इस स्थिति में पितृपक्ष के दौरान या सर्वपितृ अमावस्या पर उनकी इच्छा पूरी करने का प्रयास करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ संतुष्ट होते हैं और वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

सपने को हल्के में न लें

पितृपक्ष के दौरान पितरों का सपने में आना संयोग मात्र नहीं होता, बल्कि एक संदेश होता है। चाहे वे हंसते हुए दिखें या नाराज, इन सपनों को गंभीरता से लेना चाहिए। सही व्याख्या और उचित कर्म से न सिर्फ पितरों को तृप्त किया जा सकता है, बल्कि उनके आशीर्वाद से परिवार का जीवन सुख-समृद्धि से भर सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra