भारत की एयरोस्पेस दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाने की तैयारी है। DRDO के सूत्रों के अनुसार, स्वदेशी विकसित कावेरी इंजन को जल्द ही लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस पर परीक्षण के लिए लगाया जाएगा। यह पहली बार होगा जब भारत का खुद का इंजन किसी लड़ाकू विमान पर उड़ान भरेगा और टेस्ट किया जाएगा।
“आत्मनिर्भर भारत” पहल को मिलेगी मजबूती
तेजस पर कावेरी इंजन का परीक्षण न केवल विकास प्रक्रिया को पूरा करेगा, बल्कि DRDO की टीम को यह भरोसा देगा कि भारत ने विश्व स्तरीय लड़ाकू विमान इंजन विकसित किया है। इससे भारत विदेशी इंजनों पर निर्भर नहीं रहेगा और “मेक इन इंडिया” तथा “आत्मनिर्भर भारत” पहल को मजबूती मिलेगी।
एडवांस मेटल और डिजिटल कंट्रोल सिस्टम का उपयोग
इस प्रोजेक्ट में DRDO, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारतीय वायुसेना और निजी उद्योग सभी मिलकर काम करेंगे। HAL इंजन को तेजस में लगाने का कार्य देखेगा, जबकि वायुसेना ऑपरेशनल जरूरतों के अनुसार मार्गदर्शन करेगी। कावेरी इंजन पहले ग्राउंड रन और ऊंचाई पर सिमुलेशन टेस्ट से गुजर चुका है। अब तेजस पर शुरुआती उड़ानें कम जोखिम वाले प्रोफाइल पर होंगी और इंजन की स्थिरता, थ्रस्ट और विमान के सिस्टम्स से तालमेल की जांच होगी।
अगर यह परीक्षण सफल हुआ, तो अगले 2-3 साल में कावेरी इंजन ऑपरेशनल उपयोग के लिए प्रमाणित हो सकता है। इसका डिज़ाइन आधुनिक तकनीकों पर आधारित है, जिसमें एडवांस मेटल और डिजिटल कंट्रोल सिस्टम लगे हैं। यह न केवल तेजस के लिए उपयोगी होगा, बल्कि भविष्य के ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए भी आधार बनेगा।
कावेरी इंजन का इतिहास भी काफी लंबा
कावेरी इंजन का इतिहास भी काफी लंबा है। इसे 1989 में DRDO की गैस टरबाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) ने विकसित करना शुरू किया था। इसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना के लिए घरेलू लड़ाकू विमान तेजस को स्वदेशी शक्ति देना था। हालांकि, तकनीकी चुनौतियों के कारण इसे पहले तेजस पर लागू नहीं किया जा सका और GE F404 और F414 जैसे विदेशी इंजन लगाए गए।
35 साल बाद तेजस पर टेस्ट करने का फैसला
अब लगभग 35 साल बाद 2025 में, कावेरी इंजन को दोबारा तेजस पर टेस्ट करने का निर्णय लिया गया है। यदि यह सफल रहा, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि आने वाले समय में एडवांस इंजन तकनीक का निर्यातक भी बन सकता है। यह कदम देश की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।
