Health Care: घबराहट सिर्फ तनाव नहीं, विटामिन की कमी का भी है इशारा, जानें इससे बचने का असली इलाज

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग मामूली सी बात पर घबरा जाते हैं। उनके हाथ-पांव कांपने लगते हैं, सांस तेज़ हो जाती है और दिल की धड़कनें भी बढ़ जाती हैं। लोग इसे केवल तनाव या चिंता का असर मानते हैं, लेकिन सच यह है कि बार-बार घबराना शरीर और दिमाग दोनों की अस्वस्थता का संकेत है। कई बार इसके पीछे विटामिन और मिनरल्स की कमी अहम भूमिका निभाती है।

विटामिन B12 की कमी से बढ़ती बेचैनी

विटामिन B12 हमारे ब्रेन और नर्वस सिस्टम के लिए बेहद ज़रूरी है। यह दिमाग तक सही तरीके से सिग्नल पहुंचाने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर थकान, डिप्रेशन और घबराहट की समस्या बढ़ जाती है। यही नहीं, विटामिन B12 की कमी से दिमाग ‘हैप्पी हार्मोन’ यानी सेरोटोनिन और डोपामिन बनाना बंद कर देता है, जिससे तनाव और चिंता कई गुना बढ़ जाती है।

मैग्नीशियम और विटामिन D का रोल

सिर्फ विटामिन B12 ही नहीं, बल्कि मिनरल्स की कमी भी घबराहट का कारण बन सकती है। खासकर मैग्नीशियम शरीर को रिलैक्स करने और नर्वस सिस्टम को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से इंसान चिड़चिड़ा, घबराया हुआ और यहां तक कि डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। वहीं, विटामिन D भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। विटामिन D3 दिमाग की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है और न्यूरो-स्टेरॉयड की तरह काम करके चिंता को कम करता है। इसकी कमी से घबराहट और बेचैनी लगातार बढ़ सकती है।

कैसे पूरी करें कमी?

लंबे समय तक घबराहट और थकान को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। यह धीरे-धीरे डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। इसलिए शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व देना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए रोज़मर्रा की डाइट में दूध, दही, अंडा, हरी सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें। ये न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को भी स्वस्थ रखते हैं। साथ ही, शराब और ज्यादा जंक फूड से दूरी बनाना भी फायदेमंद है।

समस्या को ना करें नजरअंदाज

छोटी-छोटी बातों पर घबराना सामान्य लग सकता है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। समय रहते विटामिन और मिनरल्स की कमी को पूरा करें, वरना यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra