मानसून के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां तेजी से बढ़ जाती हैं। इन्हीं में से एक है चिकनगुनिया, जो मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर जोड़ों पर पड़ता है। तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में कमजोरी के अलावा मरीज को इतना तीव्र दर्द होता है कि उठना-बैठना और चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि चिकनगुनिया के बाद जोड़ों का दर्द लंबे समय तक रह सकता है। कई लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन कुछ घरेलू और आसान उपाय भी हैं जो इस दर्द से राहत दिला सकते हैं।
क्यों रहता है दर्द?
AIIMS के हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण पांडे बताते हैं कि चिकनगुनिया के बाद होने वाला दर्द दरअसल जोड़ों में सूजन (इंफ्लामेशन) की वजह से होता है। इस सूजन को कम करना ही राहत पाने का पहला कदम है।
बर्फ की सिकाई है सबसे आसान उपाय
डॉ. पांडे कहते हैं कि जब भी दर्द या सूजन महसूस हो तो आइस पैक से सिकाई करनी चाहिए। इससे सूजन कम होती है और तुरंत आराम मिलता है।
स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करें
जोड़ों का दर्द कम करने में हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग बहुत फायदेमंद है। इससे जोड़ों की जकड़न घटती है और उनमें लचीलापन आता है। डॉक्टर की सलाह के बिना ज्यादा कठिन एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
डाइट में रखें ये चीजें
विशेषज्ञ कहते हैं कि चिकनगुनिया से उबरने वाले मरीज को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। शरीर में पानी की कमी होने पर दर्द और बढ़ सकता है।
तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, सूप, फलों का रस आदि का सेवन करें।
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार लें, ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
हल्की मसाज भी है फायदेमंद
जोड़ों के दर्द में नारियल तेल की हल्की मालिश करने से भी राहत मिलती है। मालिश करते समय ध्यान रखें कि दबाव बहुत ज्यादा न हो। तेज दबाव डालने से त्वचा और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है।
किन बातों का रखें ख्याल?
आराम करें और शरीर को ओवरलोड न करें।
डॉक्टर की सलाह के बिना पेनकिलर का लगातार सेवन न करें।
अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
चिकनगुनिया से उबरने के बाद जोड़ों का दर्द मरीज की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर देता है। लेकिन सही डाइट, हल्की एक्सरसाइज, बर्फ की सिकाई और नारियल तेल की मसाज जैसे देसी उपाय इस दर्द से काफी हद तक राहत दिला सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि धैर्य और नियमित देखभाल से मरीज धीरे-धीरे पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।
