लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। नदियां उफान पर हैं, सैकड़ों गांव पानी में डूब चुके हैं और कई पुल व घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। केवल जम्मू-कश्मीर में ही अब तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकांश श्रद्धालु वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आए। बुधवार को बारिश थमी तो लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं।
जम्मू में 115 साल बाद रिकॉर्ड बारिश
जम्मू क्षेत्र में बीते 24 घंटे में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 के बाद पहली बार हुई है। भारी बारिश से निचले इलाकों में जलभराव हो गया और कई पुल ढह गए। कटरा स्थित वैष्णो देवी मार्ग पर बादल फटने के बाद भूस्खलन हुआ, जिसमें 32 लोगों की मौत और 20 के घायल होने की खबर है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर हालात की जानकारी दी। उन्होंने एनडीआरएफ की तैनाती के लिए पीएम का धन्यवाद किया और बताया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद का आश्वासन दे चुकी है।
एलजी सिन्हा ने किया मुआवजे का ऐलान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कटरा के नारायणा अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये देगा, जबकि राज्य डिजास्टर विभाग की ओर से 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। यानी हर मृतक परिवार को कुल 9 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
रेल सेवाएं प्रभावित, वायुसेना उतरी मैदान में
भारी बारिश के कारण उत्तर रेलवे ने जम्मू और कटरा से आने-जाने वाली 58 ट्रेनें रद्द कर दीं, जबकि 64 ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया है। प्रशासन ने अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है।
भारतीय वायुसेना का सी-130 विमान राहत सामग्री लेकर हिंडन एयरबेस से जम्मू पहुंचा है। चिनूक और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर भी अलर्ट मोड पर हैं। वैष्णो देवी मार्ग पर फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
पंजाब में बाढ़ से हालात बिगड़े
पंजाब में सतलुज, व्यास और रावी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। पठानकोट, कपूरथला, गुरदासपुर, तरनतारन, फाजिल्का, होशियारपुर, फिरोजपुर और अमृतसर के कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरदासपुर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
आफत बना माधोपुर हेडवर्क्स
रावी दरिया पर बने माधोपुर हेडवर्क्स का एक गेट टूट गया, जिससे पानी का बहाव अनियंत्रित हो गया है। रणजीत सागर डैम से छोड़ा गया पानी सीधे रावी नदी में पहुंच रहा है। इस दौरान गेट की जांच कर रहे करीब 50 कर्मचारी फंस गए थे, जिन्हें हेलीकॉप्टर से बाहर निकाला गया। हालांकि, एक कर्मचारी अब भी लापता बताया जा रहा है।
हिमाचल में भी तबाही
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई सड़कों पर मलबा आने से यातायात बाधित हो गया है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रखा है।
जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब और हिमाचल तक बारिश ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया है। हजारों लोग प्रभावित हैं और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें राहत व बचाव में जुटी हैं, लेकिन फिलहाल हालात सामान्य होने में समय लगेगा।
