जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ। अर्द्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की चपेट में आने से 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और आशंका जताई जा रही है कि कुछ और लोग भी मलबे में दबे हो सकते हैं। पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के चलते यह हादसा हुआ।
जम्मू संभाग में बारिश से बिगड़े हालात
भारी बारिश ने जम्मू संभाग के कई जिलों में तबाही मचाई है। अधिकारियों के मुताबिक, अलग-अलग घटनाओं में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 5 श्रद्धालु वही हैं जो माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आए थे। इस दौरान 24 से ज्यादा घर और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जम्मू शहर सहित कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है और अधिकांश जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालात की गंभीरता को देखते हुए कहा कि वह खुद स्थिति पर नजर रखेंगे और जल्द ही श्रीनगर से जम्मू पहुंचेंगे। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने और सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बंद हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और वैष्णो देवी यात्रा स्थगित
लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर दिया गया है। कई पहाड़ी सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। एहतियातन माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी रोक दी गई है। रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों में कई जगहों पर पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
कठुआ और आसपास में बाढ़ का खतरा
भारी बारिश का असर कठुआ जिले में और भी गंभीर होता दिख रहा है। माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया है। इसके चलते रावी नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। कठुआ में तरनाह, उझ नदी और मग्गर खड्ड जैसे छोटे जलस्रोत भी खतरे के निशान के करीब बह रहे हैं। प्रशासन लगातार लोगों से बाढ़ग्रस्त इलाकों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह तक कठुआ जिले में सबसे ज्यादा 155.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिमी, जम्मू में 81.5 मिमी और कटरा में 68.8 मिमी वर्षा हुई। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ का भी खतरा है।
हालात पर कड़ी निगरानी
वहीं सरकारी एजेंसियां और पुलिस लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी कर श्रद्धालुओं और आम नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साफ कहा है कि लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए और खासतौर पर जलाशयों तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के पास नहीं जाना चाहिए।
इस समय पूरे जम्मू संभाग में बाढ़ और लैंडस्लाइड की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ हालात पर कड़ी नजर रख रही हैं। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से धैर्य और सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
जम्मू-कश्मीर इस वक्त बारिश और भूस्खलन के गंभीर संकट से जूझ रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा रोकी गई है और प्रशासन अलर्ट पर है।
