Ganeshotsav पर भक्तों का सैलाब, देश के 5 प्रमुख गणपति मंदिरों में उमड़ी श्रद्धा, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है और 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं, गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा का विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि गणेश जी विघ्नहर्ता और प्रथम पूजनीय देवता हैं, जिनके आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस अवसर पर भक्त देशभर के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में जाकर बप्पा के दर्शन करते हैं। आइए जानते हैं भारत के 5 प्रमुख गणपति मंदिरों के बारे में, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आस्था का दीप जलाने पहुंचते हैं।

1. श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में गिना जाता है। इसका निर्माण वर्ष 1801 में लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल ने करवाया था। गणेश चतुर्थी के दौरान यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु, फिल्मी सितारे और राजनेता दर्शन करने पहुंचते हैं। यह मंदिर मुंबई की पहचान का हिस्सा बन चुका है और यहां की आस्था हर किसी को आकर्षित करती है।

2. श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई मंदिर, पुणे

पुणे का दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 1893 में दगडूशेठ हलवाई ने अपने पुत्र की असामयिक मृत्यु के बाद करवाया था। मंदिर अपनी भव्यता और वास्तु कला के लिए खास पहचान रखता है। गणेशोत्सव के दौरान यहां का नजारा देखते ही बनता है, जब हजारों की संख्या में भक्त बप्पा के दर्शन के लिए कतारों में खड़े रहते हैं।

3. उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 272 फीट ऊंचे पहाड़ पर बना उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर देश के सबसे प्राचीन गणेश मंदिरों में गिना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश ने यहीं पर भगवान रंगनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। पहाड़ की ऊंचाई पर बने इस मंदिर से शहर का नजारा अद्भुत दिखता है, और श्रद्धालु यहां पहुंचकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं।

4. रणथम्भौर गणेश मंदिर, राजस्थान

राजस्थान के रणथम्भौर में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर भी गणपति भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां भगवान गणेश त्रिनेत्र स्वरूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि रणथम्भौर युद्ध के दौरान पहली बार इस मंदिर का उल्लेख मिलता है। हर साल गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां भव्य मेला लगता है, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

5. कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर (आंध्र प्रदेश)

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कनिपकम में स्थित कनिपकम विनायक मंदिर का निर्माण चोला राजा कुलोथुंग ने कराया था। बाद में विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने इसका विस्तार करवाया। इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा जल से स्वतः प्रकट हुई मानी जाती है। यहां हर साल हजारों भक्त अपनी समस्याओं से मुक्ति और सुख-समृद्धि की कामना के लिए बप्पा के चरणों में मत्था टेकते हैं।

गणेशोत्सव के इन दिनों में इन मंदिरों का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां गणपति बप्पा के दर्शन मात्र से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और हर इच्छा पूर्ण होती है। चाहे मुंबई का सिद्धिविनायक हो या राजस्थान का रणथम्भौर मंदिर, हर जगह गणेश भक्तों का उमड़ा सैलाब बप्पा के प्रति अटूट आस्था का प्रमाण है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra