जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए प्रेम, भक्ति और आस्था का सबसे पावन पर्व है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, दिनभर भजन-कीर्तन करते हैं और आधी रात को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाते हैं। मंदिरों में झूले सजाए जाते हैं, भगवान को पंचामृत से स्नान कराया जाता है और भोग अर्पित किया जाता है। लेकिन चाहे कितने भी पकवान और मिठाई क्यों न हों, अगर भोग में तुलसी का पत्ता न हो तो पूजा अधूरी मानी जाती है।
क्यों जरूरी है तुलसी?
भगवान कृष्ण को तुलसी चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं में तुलसी को “विष्णुप्रिया” यानी भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की प्रिय वस्तु कहा गया है। माना जाता है कि भगवान को सोना, चांदी या आभूषण चढ़ाने से भी ज्यादा पुण्य तुलसी का एक पत्ता अर्पित करने से मिलता है। यही कारण है कि हर पूजा, खासकर श्रीकृष्ण के भोग में तुलसी दल अनिवार्य होता है।
भगवान कृष्ण को तुलसी चढ़ाने के लाभ
भगवान की कृपा: तुलसी चढ़ाने से श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पवित्रता: तुलसी को पवित्र माना जाता है। इसे अर्पित करने से मन और घर का वातावरण शुद्ध होता है।
सुख-समृद्धि: धार्मिक मान्यता है कि तुलसी दल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
मनोकामनाएं पूरी होती हैं: श्रीकृष्ण को तुलसी अर्पित करने से भक्तों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
मोक्ष की प्राप्ति: तुलसी चढ़ाने से भक्त को मोक्ष और ईश्वर की कृपा दोनों प्राप्त होते हैं।
कैसे चढ़ाएं तुलसी?
पूजा या भोग लगाते समय तुलसी के पत्ते अवश्य डालें।
तुलसी चढ़ाने से पहले “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
पत्तों को पहले साफ पानी से धो लें।
कटे-फटे पत्ते भगवान को न चढ़ाएं।
श्रीकृष्ण को सूखी तुलसी पत्तियां भी चढ़ाई जा सकती हैं।
जन्माष्टमी पर तुलसी से जुड़े खास नियम
जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
पूजा के लिए तुलसी पत्ते एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
इस दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करना बहुत शुभ होता है।
तुलसी को जल चढ़ाते समय यह मंत्र जपें:
“ॐ तुलसी कृष्णावासिदेवाय विद्महे विष्णुप्रियाय धीमहि तन्नो तुलसी प्रचोदयात”
जन्माष्टमी का पर्व केवल उत्सव और सजावट का नहीं, बल्कि गहरी आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण को भोग में माखन-मिश्री जितने ही प्रिय तुलसी पत्ते हैं। यह न सिर्फ पूजा को पूर्ण बनाते हैं, बल्कि भक्तों को सुख-समृद्धि और मोक्ष का मार्ग भी दिखाते हैं। इसलिए इस जन्माष्टमी जब भी श्रीकृष्ण को भोग लगाएं, तुलसी दल अवश्य अर्पित करें।
