स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले भारतीय वायु सेना ने अपने उन जांबाजों को सलाम किया है, जिन्होंने देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अद्वितीय साहस दिखाया. दरअसल 14 अगस्त 2025 को आयोजित एक समारोह में वायु सेना के चार वरिष्ठ अधिकारियों को ‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’ से नवाजा गया. ये वही अधिकारी हैं जिन्होंने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हुए ऑपरेशन सिंदूर की योजना और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई थी.
चार अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक
इस दौरान जिन चार वरिष्ठ अधिकारियों को यह सर्वोच्च युद्ध सेवा सम्मान मिला, उनमें वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नरनादेश्वर तिवारी, वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा, डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश भारती और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इनकी अगुवाई में भारतीय वायु सेना ने दुश्मन के घर में घुसकर आतंकी ठिकाने तबाह किए थे.
9 वीर चक्र विजेता
ऑपरेशन सिंदूर में सीधे मोर्चे पर मौजूद रहे 9 जांबाजों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया. इनमें रंजीत सिंह सिद्धू, मनिष अरोड़ा (शौर्य चक्र), अनिमेश पटनी, कुणाल कालरा, जॉय चंद्र, सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिजवान मलिक और अर्शवीर सिंह ठाकुर शामिल हैं. इन पायलटों और अफसरों ने बेहद कठिन परिस्थितियों में मिशन को अंजाम दिया.
26 को वायु सेना मेडल (वीरता)
इसके अलावा 26 अधिकारियों और वायुसैनिकों को वायु सेना मेडल (वीरता) दिया गया. ये वे योद्धा हैं जिन्होंने ऑपरेशन में शामिल होकर या वायु रक्षा प्रणालियों जैसे एस-400 का संचालन कर दुश्मन के हमलों को नाकाम किया. इनमें वे फाइटर पायलट भी शामिल हैं जिन्होंने पाकिस्तान के भीतर घुसकर सटीक वार किया.
ऑपरेशन सिंदूर में कई बड़े आतंकी सरगना मारे गए
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई जवान और स्थानीय नागरिक शहीद हुए. इसके बाद भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस अभियान में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर तबाही मचाई. कई आतंकी कैंप ध्वस्त हुए और कई बड़े आतंकी सरगना मारे गए.
देश को वीरों पर गर्व
इस सम्मान समारोह ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय वायु सेना हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तैयार है. यह सम्मान सिर्फ इन जांबाजों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है.
