Jammu & Kashmir: किश्तवाड़ में मौत का मंजर: पहाड़ों से आया मलबा, लील गया सैकड़ों जिंदगियां

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को कुदरत ने भयावह रूप दिखाया. चशोती गांव में बादल फटने और पहाड़ों से मलबा आने के बाद भारी तबाही मच गई. इस हादसे में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. करीब 100 लोग घायल हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

यह घटना मचैल माता मंदिर मार्ग पर स्थित चशोती गांव में हुई. यह गांव सड़क मार्ग से पहुंचने वाला आखिरी स्थान है. हादसे के वक्त मचैल माता की वार्षिक यात्रा चल रही थी, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल थे. यात्रा को तत्काल स्थगित कर दिया गया है और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

बेस कैंप बने गांव में मची तबाही

चशोती गांव को मचैल माता यात्रा के दौरान श्रद्धालु बेस कैंप के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यहां बड़ी संख्या में टेंट लगाए जाते हैं, जहां यात्री आराम करते हैं. गुरुवार को अचानक बादल फटने से गांव में मलबा और पानी का सैलाब उतर आया, जिससे टेंट और कई घर बह गए.

अब तक 40 शव बरामद किए गए हैं, जबकि आशंका है कि कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं. मलबे और पानी की तेज धार में बहकर लोग दूर तक चले गए, जिससे बचाव दल के लिए उन्हें ढूंढना मुश्किल हो रहा है. हादसे के बाद गांव का बाहरी दुनिया से संपर्क भी टूट गया है.

एलजी मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना पर गहरा दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. उन्होंने सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात कर स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने लिखा कि चशोती में बादल फटने की घटना से भारी जनहानि की आशंका है और राहत कार्य पूरी क्षमता से चल रहा है.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की गृह मंत्री से बातचीत

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर किश्तवाड़ की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, ताकि किसी को खाने, रहने और इलाज में दिक्कत न हो.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं. हेलिकॉप्टरों की मदद से गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां बेघर हुए लोगों को अस्थायी ठिकाना दिया जा रहा है.

यह घटना एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में अचानक आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की भयावहता को दिखाती है. प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और अफवाहों से बचने की अपील की है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra