Shivpal Yadav और Brajesh Pathak में क्यों छिड़ी सदन में जुबानी जंग, पढ़ें एक क्लिक में

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को यूपी के विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा के दौरान सदन में राजनीतिक माहौल गरमा गया. जैसे ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवपाल यादव ने बोलना शुरू किया, सियासी पारा चढ़ गया. उन्होंने सरकार के विजन डॉक्यूमेंट को काल्पनिक और बकवास बताते हुए मौजूदा समस्याओं पर ध्यान देने की मांग की.

2047 की बात छोड़ें, पहले 2025 तक का हिसाब दें- शिवपाल

शिवपाल यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी सरकार 2047 का सपना दिखा रही है, जबकि आज की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही. उन्होंने कहा, “अरे भाई, आज की भूख का हल नहीं और कल के सपनों का सौदागर बनकर घूम रहे हैं.” यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में किए गए वादों की याद दिलाते हुए पूछा कि क्या हर बेरोजगार को रोजगार मिल गया? क्या किसानों को पर्याप्त एमएसपी मिल रही है? उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि 2047 की बात छोड़ें, पहले 2025 तक का हिसाब दें.

मौजूदा मुद्दों को लेकर बोला हमला

शिवपाल ने कहा कि मौजूदा हालात देखकर 1990 का दौर याद आ रहा है, जब बिजली की किल्लत थी. उन्होंने सवाल किया कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज कहां है? महिलाओं की सुरक्षा की बात करने वाली सरकार NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट पर क्या कहेगी? बलरामपुर में नाबालिग के साथ हुई घटना पर सरकार चुप क्यों है? सड़क व्यवस्था पर भी उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि “गड्ढा मुक्त सड़क का वादा किया था, लेकिन सड़कों की हालत इतनी खराब है कि विधानसभा से पांच किलोमीटर के दायरे की सड़कें भी खुद गड्ढों में हैं.”

किसानों की हालत का जिक्र करते हुए शिवपाल ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन 2025 में किसान अपनी फसल आधे दाम में बेचने को मजबूर है. उन्होंने दोहराया कि सरकार आज की समस्याओं पर ध्यान दे, भविष्य के सपने दिखाने से कुछ नहीं होगा.

बीजेपी का पलटवार

शिवपाल के आरोपों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले के हालात सभी को याद हैं, जब विधानसभा के बाहर हथियारबंद माफिया बैठे रहते थे और अपराधियों का बोलबाला था. उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाया कि उनके शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी, बदमाश खुलेआम घूमते थे और लोगों में भय का माहौल था.

ब्रजेश पाठक ने बिजली आपूर्ति की बदहाली का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सपा के कार्यकाल में बिजली की स्थिति इतनी खराब थी कि एक सप्ताह दिन में और अगले सप्ताह रात में बिजली दी जाती थी. सिर्फ पांच जिलों में नियमित बिजली आपूर्ति होती थी, बाकी प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था.

सदन में दोनों पक्षों के बीच इस बहस के दौरान माहौल कई बार गरमा गया. जहां शिवपाल यादव ने सरकार के विजन डॉक्यूमेंट को हकीकत से दूर बताया, वहीं बीजेपी ने अपने शासन में कानून-व्यवस्था और बिजली की व्यवस्था को पहले से बेहतर करने का दावा किया. विजन 2047 पर यह टकराव दिखाता है कि आने वाले दिनों में सदन में विकास के सपनों और मौजूदा हकीकत को लेकर बहस और तेज हो सकती है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra