भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान शुभमन गिल के लिए जुलाई 2025 का महीना किसी सपने से कम नहीं रहा। आईसीसी ने उन्हें जुलाई के लिए पुरुष प्लेयर ऑफ द मंथ चुना है। गिल ने यह पुरस्कार इंग्लैंड के दौरे पर खेले गए एंडरसन–तेंदुलकर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करके जीता। उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर को पछाड़ते हुए यह सम्मान अपने नाम किया।
सिर्फ 25 साल की उम्र में कप्तान बने गिल ने इस सीरीज में तीन टेस्ट मैचों में 94.50 की औसत से 567 रन बनाए। इसमें एक दोहरा शतक और दो शतक शामिल थे। यह सम्मान गिल के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी पहली टेस्ट सीरीज थी बतौर कप्तान।
बर्मिंघम में लगाया दोहरा शतक हमेशा याद रहेगा- गिल
गिल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “जुलाई के लिए आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ चुने जाने पर बहुत अच्छा लग रहा है। यह समय मेरे लिए और भी खास है क्योंकि यह मेरी पहली टेस्ट सीरीज के दौरान मिला है। बर्मिंघम में लगाया गया दोहरा शतक हमेशा याद रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज मेरे लिए कप्तान के रूप में एक सीखने का अनुभव था। दोनों टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। मैं इस पुरस्कार के लिए जूरी और अपने सभी टीम के साथियों का आभार व्यक्त करता हूं। आने वाले सीजन में फॉर्म बनाए रखकर देश के लिए और सम्मान लाना चाहता हूं।”
गिल का चौथा ‘प्लेयर ऑफ द मंथ’ खिताब
शुभमन गिल यह पुरस्कार चौथी बार जीत चुके हैं। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2025, जनवरी 2023 और सितंबर 2023 में यह खिताब जीता था। वह चार बार यह सम्मान पाने वाले पहले पुरुष क्रिकेटर बन गए हैं। महिला क्रिकेटरों एश गार्डनर और हेली मैथ्यूज भी यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।
रिकॉर्ड तोड़ बल्लेबाज़ी
गिल का प्रदर्शन इस सीरीज में ऐतिहासिक रहा। एजबेस्टन टेस्ट में उन्होंने भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। पहली पारी में जब टीम का स्कोर 2 विकेट पर 95 रन था, तब उन्होंने 269 रन ठोके। दूसरी पारी में भी 161 रन बनाकर भारत को 336 रन की जीत दिलाई। इस मैच में उनके 430 रन टेस्ट इतिहास में किसी बल्लेबाज के लिए दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है, जो ग्राहम गूच के 456 रन से ही पीछे है।
पूरी पांच मैचों की सीरीज में गिल ने 10 पारियों में 75.40 की औसत से 754 रन बनाए। इससे उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब भी मिला। यह आंकड़ा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
शुभमन गिल ने अपने करियर के शुरुआती कप्तानी अनुभव में ही रनों का पहाड़ खड़ा कर, न सिर्फ भारत को सीरीज जिताई बल्कि क्रिकेट इतिहास में अपना नाम भी स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया। अगर वह इसी लय में खेलते रहे, तो आने वाले सालों में भारतीय क्रिकेट को कई और सुनहरे पल देने वाले हैं।
