Janmashtami Special: घर में दो लड्डू गोपाल रखने का सही नियम, शास्त्र और वास्तु से जानें पूरी सच्चाई

हर घर में लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा बड़े प्रेम और श्रद्धा से की जाती है। लड्डू गोपाल, भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप हैं और मान्यता है कि उनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं लेकिन शास्त्रों में उनकी सेवा के कुछ खास नियम बताए गए हैं। जिन्हें मानना जरूरी है, वरना साधक को पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है।

कई लोग अपने घर के मंदिर में लड्डू गोपाल की दो मूर्तियां रखते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसा करना सही है?

क्या एक घर में रख सकते हैं लड्डू गोपाल की दो मूर्तियां?

शास्त्रों के अनुसार, घर के मंदिर में एक ही भगवान की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। यही नियम लड्डू गोपाल पर भी लागू होता है। इसका कारण यह है कि दो मूर्तियां रखने से भक्ति का भाव बंट सकता है और सेवा में भूल-चूक की संभावना बढ़ जाती है।

वास्तु शास्त्र में भी बताया गया है कि एक ही भगवान की दो प्रतिमाएं घर में होने से सकारात्मक ऊर्जा की बजाय नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि घर में लड्डू गोपाल की केवल एक ही मूर्ति विराजमान हो और पूरे मन से उनकी सेवा करें।

अगर आपके घर में पहले से दो लड्डू गोपाल हैं, तो दोनों की सेवा समान भाव और समान नियमों से करनी चाहिए। ताकि किसी के प्रति लापरवाही ना हो।

लड्डू गोपाल की सेवा के नियम

लड्डू गोपाल की सेवा सुबह से रात तक बच्चे की तरह की जाती है। उनके दिनचर्या में यह चीजें शामिल हैं-

सुबह उठाना और स्नान कराना- सुबह सबसे पहले उन्हें उठाकर स्नान कराएं।

श्रृंगार- स्नान के बाद उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं और गहनों से सजाएं।

भोग लगाना- लड्डू गोपाल को दिन में चार बार भोग लगाया जाता है – सुबह, दोपहर, शाम और रात।

तुलसी दल का प्रयोग- श्रीकृष्ण को बिना तुलसी दल के भोग स्वीकार नहीं होता, इसलिए भोग में तुलसी जरूर डालें।

रात को शयन- रात में दूध का भोग लगाकर उन्हें शयन कराएं।

लड्डू गोपाल की सेवा केवल पूजा नहीं, बल्कि स्नेह और देखभाल का भाव है। जैसे एक छोटे बच्चे की दिनभर देखभाल होती है, वैसे ही कान्हा जी की सेवा भी नियम और प्रेम से करनी चाहिए। एक ही मूर्ति पर मन और श्रद्धा केंद्रित करने से पूजा का प्रभाव और आशीर्वाद दोनों बढ़ जाते हैं।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra