Chitrakoot में ‘वानर सेना’ की शरारतों पर नकेल, ट्री ब्रिज से जंगल का रास्ता दिखाएगा वन विभाग

भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट आज भी बंदरों की भारी संख्या के लिए जानी जाती है. मान्यता है कि वनवास काल में जब श्रीराम चित्रकूट आए थे, तब बजरंगबली भी उनके साथ यहां पहुंचे थे. तभी से यह पावन भूमि वानरों का स्थायी ठिकाना बन गई. समय के साथ इनकी संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब रिहायशी इलाकों, मठ-मंदिरों और बाजारों में इनकी शरारतें लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई हैं.

अक्सर इन बंदरों के कारण लोगों का सामान छीनने, तोड़-फोड़ करने और यहां तक कि काटने जैसी घटनाएं सामने आती हैं. इसी समस्या से निपटने के लिए वन विभाग ने एक नई और अनोखी योजना बनाई है- ट्री ब्रिज का निर्माण.

ट्री ब्रिज से मिलेगा जंगल का रास्ता

रानीपुर टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रत्यूष कुमार कटियार ने बताया कि बंदरों को जंगल की ओर भेजने के लिए इन ट्री ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा. ये ट्री ब्रिज रिहायशी इलाकों और मठ-मंदिरों के आसपास ऐसे खाली स्थानों पर लगाए जाएंगे, जो पेड़ों की तरह जुड़े होंगे और सीधे जंगल तक पहुंचेंगे. इससे बंदर बिना लोगों के बीच आए आसानी से जंगल की ओर जा सकेंगे. इस योजना के तहत लोगों को जागरूक भी किया जाएगा कि वे अनावश्यक रूप से बंदरों को खाना न दें. अधिकारियों का मानना है कि यदि भोजन की आसान उपलब्धता कम होगी, तो बंदर खुद-ब-खुद जंगल का रास्ता चुनेंगे.

‘अल्फा बंदरों’ पर नजर रखेगी टेक्निकल टीम

प्रत्यूष कुमार कटियार ने आगे बताया कि कुछ बंदर अत्यधिक आक्रामक होते हैं और लोगों पर हमला या काटने की कोशिश करते हैं. ऐसे मामलों के लिए वन विभाग ने मथुरा से एक टेक्निकल टीम बुलाई गई है. यह टीम ‘अल्फा बंदर’ को पहचानने में मदद करेगी. अल्फा बंदर वह होता है जो पूरे झुंड का नेतृत्व करता है और बाकी बंदरों को निर्देश देता है. योजना के तहत ऐसे अल्फा बंदरों को पकड़कर कुछ दिनों के लिए जंगल में छोड़ दिया जाएगा. जब बाकी बंदर अपने नेता को वहां नहीं देखेंगे, तो धीरे-धीरे वे भी जंगल की ओर जाने लगेंगे.

दोहरा फायदा- लोग भी सुरक्षित, बंदर भी

वन विभाग का मानना है कि यह प्रयास न केवल शहरवासियों को बंदरों की बढ़ती शरारतों से राहत देगा, बल्कि वानरों के लिए भी एक सुरक्षित और अनुकूल आवास सुनिश्चित करेगा. इस पहल से धार्मिक नगरी चित्रकूट का माहौल और भी शांतिपूर्ण और सुखद बनाने की उम्मीद है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra