Bihar चुनाव से पहले तेज प्रताप ने बनाया नया मोर्चा, 5 पार्टियों के साथ मिलाया हाथ, आरजेडी की बढ़ी मुश्किल

बिहार की सियासत में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी और परिवार से बेदखल होने के बाद अब अपनी नई राजनीतिक ताकत तैयार कर ली है। उन्होंने अपनी पार्टी ‘टीम तेज प्रताप’ के साथ 5 छोटे दलों का गठबंधन कर लिया है। इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा खुद तेज प्रताप यादव ने की।

अब तेज प्रताप की नजर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर है, जिसमें वे महुआ सीट से चुनाव लड़ने और राज्य की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान भी कर चुके हैं।

गठबंधन में कौन-कौन सी पार्टियां?

तेज प्रताप यादव की ‘टीम तेज प्रताप’ ने जिन पांच दलों से हाथ मिलाया है, वे हैं:

विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) – प्रदीप निषाद की पार्टी

भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM)

प्रगतिशील जनता पार्टी (PJP)

वाजिब अधिकार पार्टी (WAP)

संयुक्त किसान विकास पार्टी (SKVP)

इनमें से सबसे अहम नाम VVIP का है, जो निषाद समाज को प्रतिनिधित्व देती है और जिसका चुनाव चिन्ह ‘नाव’ है- जो पहले मुकेश सहनी की पार्टी का हुआ करता था।

‘टीम तेज प्रताप’ का फोकस क्या है?

तेज प्रताप यादव का यह नया गठबंधन यादव, मुस्लिम और निषाद समाज के वोटरों को साधने की रणनीति पर काम कर रहा है। ये तीनों जातीय समूह बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राजद का पारंपरिक वोट बैंक यादव और मुस्लिम समाज ही रहा है, ऐसे में तेज प्रताप के इस कदम को राजद के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश माना जा रहा है।

लालू परिवार में दरार का असर

गौरतलब है कि मई महीने में ‘अनुष्का प्रकरण’ के बाद लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को न केवल पार्टी से, बल्कि परिवार से भी बाहर कर दिया था। इसके बाद तेज प्रताप ने अपनी राह अलग कर ली और ‘टीम तेज प्रताप’ के बैनर तले सियासी जमीन तैयार करने में लग गए। अब उनके द्वारा घोषित यह गठबंधन साफ संकेत देता है कि वे बड़े स्तर पर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं।

राजद के लिए बढ़ी चिंता

तेज प्रताप के इस राजनीतिक कदम से राजद की परेशानी बढ़ना तय है। जिसकी वजह साफ है कि तेज प्रताप उन्हीं वोटरों को टारगेट कर रहे हैं, जो राजद की रीढ़ माने जाते हैं। यदि ‘टीम तेज प्रताप’ यादव, मुस्लिम और निषाद समाज के एक बड़े हिस्से को साथ लाने में सफल हो जाती है, तो इसका सीधा नुकसान राजद और महागठबंधन को हो सकता है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तेज प्रताप यादव ने जो नया मोर्चा तैयार किया है, वह चुनावी समीकरण को पूरी तरह से बदल सकता है। अब देखना यह होगा कि ये गठबंधन जमीनी स्तर पर कितना असर दिखा पाता है और तेज प्रताप अपने परिवार और पार्टी से अलग होकर कितनी सियासी जमीन बना पाते हैं।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra