मोहित सूरी की सुपरहिट फिल्म सैयारा के बाद ऐसा लग रहा था कि प्रेम कहानियों का दौर एक बार फिर लौट आया है। इसी उम्मीद के साथ धड़क 2 भी रिलीज हुई, लेकिन यह फिल्म दर्शकों के दिल में अपनी खास जगह नहीं बना सकी। हालांकि फिल्म के ट्रेलर, गाने और सामाजिक मुद्दों को लेकर काफी चर्चा थी, लेकिन जब बात सिनेमाघर में दर्शकों की संख्या की आई तो फिल्म बुरी तरह पिछड़ गई।
धड़क 2 में तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी लीड रोल में
धड़क 2 में तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी लीड रोल में हैं। फिल्म को निर्देशित किया है शाजिया इकबाल ने, जो उनकी पहली फिल्म है, और इसे धर्मा प्रोडक्शन ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म तमिल फिल्म परियेरुम पेरुमल का रीमेक है और इसमें जाति भेदभाव और प्रेम के टकराव को दिखाने की कोशिश की गई है।
फिल्म की लागत लगभग 40 करोड़ रुपये
फिल्म की लागत लगभग 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है, लेकिन पहले चार दिनों में इसका कलेक्शन सिर्फ 14 करोड़ के करीब ही पहुंच पाया है। शुक्रवार को 3.5 करोड़, शनिवार को 3.75 करोड़, रविवार को 4.15 करोड़ और सोमवार को केवल 1.4 करोड़ की कमाई हुई। यह आंकड़े फिल्म की नाकामी की तरफ इशारा करते हैं।
पहली धड़क भी कोई बड़ी हिट नहीं थी, लेकिन फिर भी उसने पहले चार दिन में करीब 39 करोड़ की कमाई की थी। उसके मुकाबले धड़क 2 का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा।
दलित युवक और सवर्ण लड़की की है प्रेम कहानी
जहां तक फिल्म के कंटेंट की बात है, फिल्म दलित युवक नीलेश और सवर्ण लड़की विधि के प्रेम की कहानी है। लेकिन फिल्म इस प्रेम को सही तरीके से स्थापित नहीं कर पाती। दर्शक यह समझ नहीं पाते कि दोनों इतने अलग सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक-दूसरे के करीब क्यों और कैसे आए। प्रेम कहानी की यही सबसे बड़ी कमजोरी है।
फिल्म का संगीत और डायलॉग काफ़ी प्रभावशाली
फिल्म इमोशनल कंटीन्यूटी में भी पीछे रह जाती है। कई बार लगता है कि किरदारों की भावनाएं अचानक बदल जाती हैं और घटनाएं पहले से अनुमानित लगती हैं। कहानी का हिंसक मोड़ भी दर्शकों के लिए सहज नहीं लगता। नीलेश का शांत स्वभाव से अचानक गुस्सैल बन जाना और हिंसा पर उतर आना अचानक और बिना गहराई के लगता है।
हालांकि फिल्म का संगीत और डायलॉग काफ़ी प्रभावशाली हैं। गानों में गायकों की आवाज़ को अच्छी तरह से उभारा गया है, और संगीतकारों ने विचारशील काम किया है। इसके बावजूद निर्देशन, स्क्रीनप्ले और एडिटिंग में और सुधार की गुंजाइश थी।
कुल मिलाकर धड़क 2 एक अच्छी कोशिश जरूर है, लेकिन अपने भावनात्मक जुड़ाव और कहानी की गहराई में कमजोर साबित होती है। यही वजह है कि दर्शकों ने इससे वैसा जुड़ाव महसूस नहीं किया, जैसा उम्मीद की गई थी।
