Prayagraj: बाढ़ में फंसे लोग, रील में मशगूल अफसर! अब उठे जिम्मेदारी पर सवाल

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। कई निचले इलाकों में पानी घरों में घुस चुका है। दारागंज के मोरी गेट मोहल्ले में भी हालात गंभीर हैं। यहां के कई लोग बाढ़ से परेशान हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

दारोगा साहब का ‘गंगा पूजन’ और वायरल वीडियो

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में दारागंज के रहने वाले यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर चंद्रदीप निषाद गंगा जल के बढ़ते स्तर को ‘मां गंगा का आगमन’ बताते हैं। पहले वह दरवाजे पर गंगा पूजन करते हैं, फिर पानी घर में आने पर उसमें आस्था की डुबकी लगाते हैं और आखिर में बालकनी से छलांग लगाकर तैराकी करते नजर आते हैं।

तीन वीडियो और लाखों व्यूज़

पहले वीडियो में वह ड्यूटी पर निकलते समय दरवाजे पर पूजन करते दिखते हैं। दूसरे में गले तक पानी में खड़े होकर डुबकी लगाते हैं। तीसरे वीडियो में बालकनी से छलांग लगाते हैं और खुद को मां गंगा की गोद में बताते हैं। उन्होंने वीडियो के साथ लिखा कि वह पूर्व राष्ट्रीय तैराक हैं और लोग इस स्टंट की नकल न करें।

सोशल मीडिया पर खूब चर्चा

सोशल मीडिया पर चंद्रदीप निषाद की जमकर चर्चा हो रही है। कई लोग उन्हें ‘बाढ़ वाले दारोगा’ कह रहे हैं। उनके फेसबुक पर 30,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनके वीडियो लाखों बार देखे जा चुके हैं।

लोगों ने बताया श्रद्धा, कुछ ने कहा गैर-जिम्मेदाराना

कई लोग उनके इस काम को श्रद्धा और साहस की मिसाल बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे गैर-जिम्मेदाराना बता रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा कि जब जनता बाढ़ से जूझ रही है, तब एक पुलिस अधिकारी का रील बनाना गंभीर बात है।

दारोगा की पृष्ठभूमि भी रही है मजबूत

चंद्रदीप निषाद यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं। वह विजिलेंस, एसटीएफ, हाईकोर्ट सिक्योरिटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में काम कर चुके हैं। पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद के आरआरआईसी से की है।

प्रशासन जुटा है राहत कार्य में

बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। लेकिन इस वायरल वीडियो ने नई बहस छेड़ दी है कि क्या आपदा के समय अधिकारी का ऐसा आचरण उचित है या नहीं?

जब शहर बाढ़ की मार झेल रहा है, तब एक पुलिस अफसर का इस तरह रील बनाना जहां कुछ लोगों के लिए प्रेरणा है, वहीं दूसरों के लिए सवालों की वजह बन गया है। ऐसे समय में जिम्मेदारियों और आस्था के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है, यह चर्चा अब सोशल मीडिया से निकलकर समाज में भी होने लगी है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra