उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई 2025 को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। एसपी गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और लंबे समय से मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में गिने जाते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबे समय से निभा रहे अहम भूमिका
एसपी गोयल पिछले कई वर्षों से मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। वह एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (मुख्यमंत्री कार्यालय) के तौर पर कार्यरत थे। मुख्यमंत्री के साथ उनकी तालमेल और निर्णय लेने की क्षमता के चलते उन्हें अब राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी गई है।
18 महीने का मिलेगा कार्यकाल, जनवरी 2027 में होंगे रिटायर
नए मुख्य सचिव के तौर पर एसपी गोयल को लगभग 18 महीनों का कार्यकाल मिलेगा। वह जनवरी 2027 में रिटायर होंगे। इस दौरान उनसे प्रशासनिक कामकाज में गति और पारदर्शिता लाने की उम्मीद की जा रही है।
इन जिलों में रह चुके हैं डीएम और अफसर
एसपी गोयल की पहली नियुक्ति इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई थी। इसके बाद वह अलीगढ़, बहराइच और मेरठ में मुख्य विकास अधिकारी रहे। इसके अलावा उन्होंने मथुरा, इटावा, प्रयागराज और देवरिया जैसे बड़े जिलों में जिलाधिकारी के रूप में भी सेवा दी है।
हर सरकार में निभाई अहम भूमिका
चाहे बसपा सरकार हो या सपा सरकार, एसपी गोयल ने हर राजनीतिक दौर में अहम जिम्मेदारियां निभाईं। वह मानव संसाधन मंत्रालय में केंद्र सरकार में भी संयुक्त सचिव रह चुके हैं। साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार आई, तब से वह मुख्यमंत्री कार्यालय का संचालन कर रहे थे।
निडर और बेबाक अफसर के रूप में पहचान
एसपी गोयल को एक निडर और साफगो अफसर माना जाता है। वह दबाव में आकर फैसले नहीं लेते। एक उदाहरण तब देखने को मिला जब 2024 में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 750 इंजीनियरों के ट्रांसफर की फाइल भेजी थी, जिसे उन्होंने सीधे लौटा दिया था। यह दर्शाता है कि वह सिर्फ योग्यता और नियमानुसार निर्णय लेते हैं।
योगी के सबसे करीबी और ताकतवर मुख्य सचिव
यह माना जा रहा है कि एसपी गोयल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और प्रभावशाली मुख्य सचिवों में से एक होंगे। उनके नेतृत्व में प्रदेश का प्रशासन और अधिक सख्त, पारदर्शी और जवाबदेह हो सकता है।
