Akhilesh ने उठाए सवाल, योगी सरकार को पलटना पड़ा फैसला, PDA पाठशाला की जीत, पढ़ें पूरी खबर

अखिलेश की PDA पाठशाला का ऐसा असर दिखा कि योगी को भी बैकफुट पर आना पड़ा, ये हैरानी की बात नहीं सच है क्योंकि योगी सरकार ने स्कूल मर्जर के फैसले पर बड़ा यूटर्न लिया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. दरअसल UP में शिक्षा को लेकर छिड़ी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, क्योंकि योगी सरकार के स्कूल मर्जर के फैसले पर जिस तरह समाजवादी पार्टी और PDA पाठशाला आंदोलन ने मोर्चा खोला, उसने सियासत की बिसात ही उलट दी, अब यूपी सरकार ने यू-टर्न लेते हुए बड़ा ऐलान किया है.

बच्चों की पढ़ाई पर मंडरा रहा था खतरा !

खबरों के मुताबिक अब न तो 1 किलोमीटर से दूर किसी स्कूल को मर्ज किया जाएगा और न ही 50 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों को बंद किया जाएगा यानी जिस फैसले से हजारों गरीब बच्चों की पढ़ाई पर खतरा मंडरा रहा था, वो अब रद्द कर दिया गया है और ये सब संभव हुआ PDA पाठशालाओं की बढ़ती ताकत और अखिलेश यादव की राजनीतिक शैली की बदौलत, जिसने विरोधियों को भी बड़ा झटका दिया है.

संसद परिसर में अखिलेश ने दागे थे सवाल

आपको बता दें जब सरकार स्कूल मर्जर की बात कर रही थी, तब अखिलेश यादव ने इसे शिक्षा पर हमला करार दिया था. उन्होंने साफ कहा था कि ये फैसला वोट की राजनीति के तहत लिया गया है, वो स्कूल बंद कराए जा रहे हैं जहां समाजवादी पार्टी को चुनावों में बढ़त मिलती थी. संसद परिसर में भी अखिलेश ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और जनता को ये बताया कि BJP सिर्फ सत्ता बचाने के लिए बच्चों की किताबें छीनना चाहती है लेकिन अखिलेश ने सिर्फ बयानबाज़ी नहीं की, बल्कि जमीनी स्तर पर एक ऐसा मॉडल PDA पाठशाला खड़ा कर दिया जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया.

योगी के मंत्री ने दिया बयान

अब जब योगी सरकार के मंत्री खुद कह रहे हैं कि न स्कूल बंद होंगे, न शिक्षक हटेंगे तो साफ है कि सरकार को जनता के गुस्से और PDA पाठशालाओं की लोकप्रियता के आगे झुकना पड़ा है. अखिलेश यादव ने इसे ‘पीडीए पाठशाला आंदोलन की महाजीत करार दिया है और ट्वीट कर कहा स्कूल मर्जर का फैसला वापस लेना, ‘पीडीए पाठशाला’ आंदोलन की महाजीत है। शिक्षा का अधिकार अखंड होता है और रहेगा। शिक्षा विरोधी भाजपा की ये नैतिक हार है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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