Spiritual: क्यों मंत्र जाप करते वक्त आंखें बंद कर लेते हैं भक्त? वजह जानकर चौंक जाएंगे!

भारतीय संस्कृति में मंत्र जाप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। आपने मंदिरों में या घर की पूजा में अक्सर देखा होगा कि लोग आंखें बंद करके मंत्रों का उच्चारण करते हैं। यह केवल एक धार्मिक प्रथा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई गहरे कारण होते हैं- जो वैज्ञानिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं कि पूजा करते समय आंखें बंद क्यों की जाती हैं।

आंतरिक ध्यान और एकाग्रता के लिए

जब हम आंखें बंद करते हैं, तो हमारी इंद्रियां विशेषकर दृष्टि – जो लगातार बाहरी चीजों को देखती रहती है – शांत हो जाती है। इससे हमारा मन बाहर की हलचलों से हटकर अंदर की ओर जाने लगता है। इस अवस्था में मंत्रों की ध्वनि सीधे मन और आत्मा तक पहुंचती है, जिससे ध्यान गहरा होता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।

ईश्वर से गहरा जुड़ाव

मंत्र जाप केवल जुबान से नहीं, बल्कि मन और आत्मा से किया जाता है। आंखें बंद कर लेने से हम अपने आसपास की दुनिया को कुछ समय के लिए भूल जाते हैं और सिर्फ ईश्वर पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। इससे हमारे अंदर भक्ति और श्रद्धा की भावना और भी मजबूत होती है।

बाहरी गतिविधियों से बचाव

खुले आंखों से जब हम पूजा करते हैं, तो हमारे सामने दिखने वाली हलचल, लोगों की गतिविधियां या किसी आवाज से ध्यान भटक सकता है। लेकिन आंखें बंद करके बैठने से ये सब रुकावटें कम हो जाती हैं और पूजा में मन लगाना आसान होता है।

आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार

मान्यता है कि मंत्रों की ध्वनि एक विशेष ऊर्जा उत्पन्न करती है। जब हम आंखें बंद करके इन्हें जपते हैं, तो वह ऊर्जा हमारे शरीर और मन के भीतर गहराई से प्रवेश करती है। इससे आत्मा शुद्ध होती है और सकारात्मक भावनाएं जागृत होती हैं।

वैज्ञानिक कारण भी हैं मौजूद

आधुनिक शोधों से पता चला है कि आंखें बंद करने से मस्तिष्क में अल्फा वेव्स सक्रिय होती हैं। ये तरंगें तनाव को कम करने और मस्तिष्क को शांत रखने में मदद करती हैं। यह स्थिति ध्यान और मंत्र जाप को ज्यादा प्रभावी बनाती है।

शास्त्रों में भी है इसका उल्लेख

वेद और उपनिषदों में भी मंत्र जाप को मन, वाणी और आत्मा से करने की बात कही गई है। आंखें बंद करके उच्चारण करना इस प्रक्रिया को पूर्ण बनाता है, जिससे साधना की गुणवत्ता बढ़ जाती है।

मंत्रों की शक्ति भीतर होती है समाहित

जब हम ध्यानपूर्वक और आंखें बंद करके मंत्र जपते हैं, तो उनकी कंपन (vibrations) सिर्फ वातावरण में नहीं फैलतीं, बल्कि हमारे शरीर और मन में भी गहराई से उतरती हैं। यह मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और आत्मिक उन्नति में मदद करती हैं।

मंत्र जाप में आंखें बंद करना सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह साधना को सफल बनाने का एक महत्वपूर्ण और गहन तरीका है। यह हमें बाहरी संसार से हटाकर हमारे भीतर की यात्रा पर ले जाता है, जहां सच्चा ईश्वर निवास करता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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