29 जुलाई का दिन संसद के इतिहास में अहम बन गया, जब गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पाकिस्तान, आतंकवाद और विपक्ष को लेकर ज़बरदस्त भाषण दिया। शाह ने “ऑपरेशन सिंदूर” और “ऑपरेशन महादेव” का ज़िक्र करते हुए बताया कि भारत अब सिर्फ निंदा नहीं करता, बल्कि सीधे घर में घुसकर जवाब देता है। इस दौरान उन्होंने विपक्षी नेताओं खासकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं को भी जमकर घेरा।
सुलेमान, अफरान और जिबरान जैसे देशद्रोही मारे गए- शाह
अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना, CRPF और कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया, जिसमें सुलेमान, अफरान और जिबरान जैसे देशद्रोही मारे गए। शाह ने कहा कि इन आतंकियों की पहचान ठोस सबूतों से हुई – FSL रिपोर्ट, हथियार, कारतूस और गवाहियों के आधार पर।
“क्या आपकी पाकिस्तान से बात होती है?”
इस दौरान जैसे ही शाह ने आतंकियों के मारे जाने की बात रखी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें टोकते हुए कहा, “आका तो पाकिस्तान है।” इसके जवाब में शाह ने तीखा हमला करते हुए पूछा – “क्या आपकी पाकिस्तान से बात होती है?” इस पर सदन में एकदम सन्नाटा छा गया।
शाह ने कहा कि एक युवती जिसकी शादी को केवल छह दिन हुए थे, वह विधवा होकर खड़ी थी। उसकी आंखों में सवाल थे, और उन सवालों का जवाब अब हमारी सेना ने दे दिया है।
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर भी शाह ने बोला हमला
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर भी शाह ने हमला बोला। उन्होंने कहा, “चिदंबरम जी पूछ रहे हैं कि सबूत क्या हैं कि ये गद्दार पाकिस्तान से आए। क्या आप पाकिस्तान को बचा रहे हैं?” शाह ने संसद में बताया कि हमारे पास सबूत हैं – वोटर आईडी, पाकिस्तान निर्मित रायफल और चॉकलेट जैसी चीजें तक मिलीं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में 100 किलोमीटर अंदर जाकर सिर्फ 20 मिनट में 9 ठिकानों को तबाह कर दिया।
शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि पहले जब दाऊद, टाइगर मेमन और सैयद सलाउद्दीन जैसे गद्दार भाग जाते थे तो सरकारें चुप रहती थीं। लेकिन आज जब हम घर में घुसकर मारते हैं, तो विपक्ष को सबूत चाहिए?
शाह ने नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक के शासन की भी फाइलें खोलीं और कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, “अब भारत की नीति बदल चुकी है – अब हम सिर्फ चेतावनी नहीं देते, सीधा एक्शन लेते हैं।”
विशेषज्ञों का कहना है कि शाह का यह भाषण सिर्फ विपक्ष को जवाब नहीं था, बल्कि यह आने वाली सुरक्षा नीति का मजबूत संकेत भी है। संसद में शाह की हुंकार ने बता दिया – अब देश चुप नहीं बैठेगा, जवाब देगा और हर दुश्मन को उसी की भाषा में समझाएगा।
