Hamirpur में ‘गधों का आतंक’, खेलते बच्चे की दर्दनाक मौत से मचा कोहराम

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में इन दिनों लोग अनोखे डर से जूझ रहे हैं — ये डर है सड़कों पर बेतरतीब घूमते गधों का. हर दिन इन गधों के झुंड की वजह से कोई न कोई हादसा हो रहा है. बीते शुक्रवार को तो इस अराजकता ने एक मासूम की जान ही ले ली, जिससे पूरे इलाके में मातम का माहौल है.

मंदिर के पास खेलते बच्चे को रौंदा गधों ने

सदर कोतवाली के कजियाना मोहल्ले में रहने वाले दिव्यांग विनेश निषाद का 10 वर्षीय बेटा सागर अपने दोस्तों के साथ दोपहर को मंदिर के पास खेल रहा था. इसी दौरान आधा दर्जन से ज्यादा गधों का झुंड वहां से निकला. एक गधे ने बच्चे के सिर पर लात मारी, जिससे वह जमीन पर गिर गया. इसके बाद बाकी गधे उसे रौंदते हुए निकल गए.

इलाज के दौरान तोड़ा दम, परिजनों में मातम

गंभीर रूप से घायल सागर को पहले जिला अस्पताल और फिर कानपुर रेफर किया गया. लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस दुखद हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है. परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए.

शव रखकर किया प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

शव के घर पहुंचते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया. उन्होंने कालपी चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. काफी देर तक समझाने के बाद प्रशासन ने जाम खुलवाया.

प्रशासन की लापरवाही से खुला कानून का मजाक

सरकार के आदेश के बावजूद आवारा जानवर सड़कों पर घूम रहे हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और संबंधित अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर पल्ला झाड़ रहे हैं. जब तक प्रशासन गंभीरता नहीं दिखाता, तब तक गधों का यह आतंक और मासूम जानों की कीमत चुकाई जाती रहेगी.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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