पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसा ने एक बार फिर सिर उठा लिया है. खासकर मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. ताजा मामला रेजिनगर इलाके का है, जहां टीएमसी नेता प्रतिताब पाल की हत्या कर दी गई. वह टोटो से घर लौट रहे थे तभी बदमाशों ने तलवार से हमला कर दिया. अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई.
हत्या से पहले की थी हमलावरों की पहचान
प्रतिताब पाल रेजिनगर के नॉर्थ कॉलोनी के निवासी और तृणमूल के बूथ अध्यक्ष थे. पार्टी नेताओं के मुताबिक, घायल हालत में उन्होंने हमलावरों की पहचान कर ली थी. पुलिस ने मामले में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. रेजिनगर ब्लॉक अध्यक्ष मंजुर शेख ने दावा किया कि यह पूरी तरह से सुनियोजित हमला था.
जून से अब तक हत्या की भयावह श्रृंखला
जुलाई में यह दूसरी बड़ी हत्या है. इससे पहले भरतपुर में तृणमूल कार्यकर्ता षष्ठी घोष को रात में धारदार हथियार से मार डाला गया था. उनके परिवार ने पार्टी के अंदरूनी गुटीय संघर्ष को इसका कारण बताया है. वहीं जून में शमशेरगंज और हरिहरपारा में भी दो टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई थी. पुलिस के मुताबिक, कुछ मामलों में स्थानीय आपराधिक तत्व शामिल हो सकते हैं.
राजनीति में घुलता खून का जहर
भाजपा विधायक सुब्रत मैत्रा ने कहा कि जुलाई में टीएमसी के छह कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और इन घटनाओं के लिए भाजपा को बेवजह बदनाम किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि रेजिनगर में भाजपा का मजबूत आधार नहीं है और पार्टी हिंसा में विश्वास नहीं रखती.
पुलिस की जांच जारी, राजनीतिक तापमान चढ़ा
फिलहाल सभी घटनाओं की जांच पुलिस कर रही है और हर पहलू पर नजर रखी जा रही है. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह से एक के बाद एक हत्याएं हो रही हैं, उससे बंगाल की राजनीति एक बार फिर हिंसक मोड़ पर पहुंच गई है.
