लखनऊ में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता को बड़ी कानूनी राहत मिली है. लखनऊ हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ की गई कथित मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को छह हफ्तों में निष्पक्ष जांच पूरी कर शपथपत्र दाखिल करने को कहा है.
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप
घटना 8 जून 2025 की रात की है, जब इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर चाय का स्टॉल चलाने वाली सिमरन के साथ पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से मारपीट की. वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी उनके स्टॉल पर अभद्रता और कपड़े खींचते दिख रहे हैं. सिमरन का आरोप है कि उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका फोन छीन लिया. लेकिन दुकान के सीसीटीवी और एक राहगीर की रिकॉर्डिंग से मामला सामने आ गया.
पुलिस पर गंभीर आरोप, अब जांच के घेरे में
सिमरन ने राम राम बैंक चौकी के तत्कालीन इंचार्ज आलोक चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश वर्मा और महिला सिपाही किरन अग्निहोत्री पर बिना कारण बदसलूकी का आरोप लगाया. याचिका में दावा किया गया कि उनके स्टॉल पर काम करने वाले एक युवक को भी पीटा गया और चौकी ले जाकर और दुर्व्यवहार किया गया.
संघर्ष की कहानी: मॉडल से बनीं चाय वाली
गोरखपुर की रहने वाली सिमरन गुप्ता, जिनका असली नाम आंचल है, 2018 में ‘मिस गोरखपुर’ बनी थीं. पिता की बीमारी और पारिवारिक कर्ज के चलते उन्होंने मॉडलिंग शुरू की. कोविड के कारण करियर रुक गया, तो उन्होंने ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से चाय का स्टॉल शुरू किया, जो युवाओं में खासा लोकप्रिय हुआ.
सोशल मीडिया स्टार और संघर्ष की प्रतीक
आज सिमरन के इंस्टाग्राम पर 29 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. लखनऊ में अपनी दूसरी दुकान खोलने तक का सफर उन्होंने मेहनत से तय किया. अब हाईकोर्ट के फैसले ने उनके संघर्ष को एक नई उम्मीद दी है- कि न्याय देर से ही सही, मगर मिलता जरूर है.
