नोएडा के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। लंबे समय से उद्योग मार्ग की खराब स्थिति और ट्रैफिक जाम से परेशान लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। नोएडा प्राधिकरण इस सड़क को मॉडल रोड में बदलने की योजना को फिर से गति देने जा रहा है।
क्यों है उद्योग मार्ग खास?
उद्योग मार्ग, सेक्टर-1 गोलचक्कर से लेकर सेक्टर-11 झुंडपुरा तिराहे तक फैला हुआ है। यह सड़क औद्योगिक क्षेत्र का मुख्य रास्ता है और यहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। प्राधिकरण का सेक्टर-6 कार्यालय भी इसी मार्ग से जुड़ा है, जिसके कारण निवेशक और अधिकारी भी इसी रास्ते से आते-जाते हैं। संकरी सड़क और अव्यवस्थित ट्रैफिक के कारण यहां आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।
योजना में देरी का कारण
उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने की योजना पहले भी बनाई गई थी, लेकिन चयनित एजेंसी के साथ रेट को लेकर सहमति नहीं बनने के कारण परियोजना अटक गई। अब प्राधिकरण ने नई एजेंसी चुनने के लिए फिर से आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करने का निर्णय लिया है।
सीबीआई की अनुमति क्यों जरूरी थी?
दरअसल करीब 15 साल पहले इस सड़क पर बिजली की अंडरग्राउंड केबल बिछाने में घोटाले का मामला सामने आया था। यह मामला सीबीआई जांच के अधीन था। इस कारण, जब तक सीबीआई की अनुमति नहीं मिलती, तब तक कोई नया निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता था। अब प्राधिकरण को यह अनुमति मिल चुकी है।
लागत में कटौती
इस परियोजना पर शुरुआत में 49 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने लागत को घटाकर 42 करोड़ रुपये करने का निर्देश दिया है। इस बजट में ही मॉडल रोड बनाने की कोशिश की जाएगी, ताकि वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए सड़क को बेहतर बनाया जा सके।
लोगों को क्या होगा फायदा?
मॉडल रोड बनने के बाद उद्योग मार्ग की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। सड़क चौड़ी और सुगम होगी। ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक खत्म होगी। औद्योगिक क्षेत्र और आसपास के इलाकों में आवागमन आसान हो जाएगा। इसके साथ ही साथ निवेशकों, अधिकारियों और नागरिकों की आवाजाही में समय की बचत होगी।
नागरिकों में उत्साह
स्थानीय लोग इस परियोजना को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि मॉडल रोड बनने के बाद न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि इलाके की सुंदरता और सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
नोएडा का उद्योग मार्ग न सिर्फ व्यावसायिक महत्व रखता है, बल्कि हजारों कर्मचारियों और नागरिकों की दैनिक यात्रा का मुख्य जरिया भी है। प्राधिकरण की यह पहल शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
