सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है। देशभर से शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने शहरों की ओर लौट रहे हैं। इस बार यात्रा में आस्था के साथ-साथ देशभक्ति का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। कहीं लोग धार्मिक झांकी बना रहे हैं, तो कहीं तिरंगे के साथ यात्रा कर देशप्रेम का संदेश दे रहे हैं।
सहारनपुर की टोली का 101 फीट तिरंगा
इस साल की कांवड़ यात्रा में सबसे ज्यादा चर्चा सहारनपुर के सांब सदाशिव ग्रुप की टोली की हो रही है। इस ग्रुप के 25 कांवड़ियों ने हरिद्वार से कांवड़ यात्रा की शुरुआत की, लेकिन उनकी यात्रा की खासियत 101 फीट लंबा तिरंगा है। यह तिरंगा हाल ही में हुए पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और देश के शहीद सैनिकों को समर्पित है। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी भावुक हो जाते हैं।
कांवड़िए रवि की भावनाएं
इस ग्रुप के सदस्य रवि बताते हैं कि यह उनकी पहली कांवड़ यात्रा है, और उन्होंने इसे पूरी तरह देशभक्ति को समर्पित किया है। रवि कहते हैं, “पहले पुलवामा में हमारे जवान शहीद हुए और हाल ही में पहलगाम में निर्दोषों को निशाना बनाया गया। यह कांवड़ यात्रा हमारे सैनिकों की याद और उनकी शहादत को श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। हम युवाओं से अपील करते हैं कि देश के प्रति गर्व महसूस करें, तिरंगे का सम्मान करें और नशे से दूर रहकर समाज के लिए काम करें।”
देश और धर्म का संदेश
ग्रुप के एक अन्य सदस्य सुनील कुमार बताते हैं कि इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ शिवभक्ति ही नहीं, बल्कि देशभक्ति का संदेश देना भी है। उनका मानना है कि देश और धर्म दोनों के प्रति प्रेम और जागरूकता फैलाना हर नागरिक का कर्तव्य है। वे कहते हैं, “कुछ लोग कांवड़ यात्रा को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, लेकिन असली कांवड़िया तो प्रेम और आस्था से यात्रा करता है। हमारे लिए यह यात्रा आस्था और राष्ट्रप्रेम दोनों का प्रतीक है।”
यात्रा का खर्च और सहयोग
सुनील बताते हैं कि यात्रा में कितना खर्च हुआ, यह बाबा भोले ही जानते हैं। सभी कांवड़ियों ने मिलकर पूरी यात्रा का प्रबंध किया। किसी ने तिरंगे के लिए योगदान दिया, तो किसी ने खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था में मदद की। उनका कहना है कि बाबा भोलेनाथ ने हर कदम पर आशीर्वाद दिया, तभी यह अनोखी यात्रा पूरी हो पाई।
देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण
यह कांवड़ यात्रा इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक आस्था और देशप्रेम एक साथ चल सकते हैं। 101 फीट तिरंगे के साथ यात्रा करने वाले कांवड़िए देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। वे अपने प्रयासों से यह संदेश दे रहे हैं कि आस्था का सच्चा अर्थ वही है, जिसमें देश के लिए सम्मान और प्रेम शामिल हो।
