Monsoon में क्या पिएं: दूध, दही या छाछ? जानिए आयुर्वेद का फैसला

बारिश के मौसम में गंदगी और दूषित पानी की वजह से टाइफॉइड, फूड पॉयज़निंग, डायरिया और हेपेटाइटिस A जैसी बीमारियां का खतरा बढ़ जाता हैं। ऐसे में क्या चीज खाना सेहत के लिए है फायदेमंद।

मानसून का मौसम आते ही हमारी पाचन शक्ति थोड़ी कमजोर हो जाती है। ऐसे में कई लोग सोच में पड़ जाते हैं कि ठंडा दूध पिएं, दही खाएं या छाछ लें क्या फायदेमंद होगा और क्या नुकसान कर सकता है? खासकर जब हवा में नमी ज़्यादा हो और पेट बार-बार भारी लगे। आयुर्वेद के अनुसार, हर मौसम में खानपान का चयन शरीर के वात, पित्त और कफ संतुलन के हिसाब से करना चाहिए। चलिए जानते हैं कि बारिश के मौसम में इन तीनों में से क्या चुनना सबसे बेहतर रहेगा। इस मौसम में हवा में अधिक नमी (humidity) और वातावरण में बैक्टीरिया व फंगस की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे खाने-पीने से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा हो जाता है।

ठंडा दूध कब और कैसे सेवन करें?

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. पराशर के अनुसार, मानसून में ठंडा दूध पीने से शरीर को थोड़ी देर के लिए ठंडक तो मिलती है, लेकिन यह शरीर में कफ बढ़ाता है। इस मौसम में पहले से ही हवा में नमी और ठंड का असर रहता है, ऐसे में ठंडा दूध गले में खराश, बलगम, पेट फूलना और पाचन गड़बड़ी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। खासकर जिन लोगों को एलर्जी, साइनस या टॉन्सिल की समस्या होती है, उन्हें इससे बचना चाहिए। अगर दूध पीना हो, तो उसे हल्का गर्म या गुनगुना करके पिएं। इससे पाचन में मदद मिलती है और शरीर पर इसका बुरा असर नहीं होता।

दही सीमित मात्रा में और सही समय पर लें

डॉ. पराशर कहते हैं कि दही पोषक तत्वों से भरपूर होता है लेकिन मानसून में इसे खाने में थोड़ी समझदारी जरूरी है। आयुर्वेद कहता है कि दही इस मौसम में गाढ़ा, भारी और कफवर्धक होता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो सकती है। बारिश में दही खाने से कई लोगों को एसिडिटी, बदहजमी या बलगम की समस्या हो सकती है। अगर दही खाना ही है, तो इसे दिन में खाएं, रात में बिलकुल नहीं। ऊपर से काली मिर्च या थोड़ी हींग डालकर खाने से यह हल्का हो जाता है और नुकसान कम होता है।

छाछ: मानसून के लिए सबसे बेहतर विकल्प

डॉ. पराशर मानते हैं कि छाछ इस मौसम में सबसे फायदेमंद पेय है। आयुर्वेद में इसे ‘अमृत तुल्य’ कहा गया है। छाछ हल्की होती है, जल्दी पचती है और पेट को ठंडक देती है। यह गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है और पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है। अगर आप छाछ में काली मिर्च, सेंधा नमक या अजवाइन मिलाकर पीते हैं तो इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में भी मदद करता है।

डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें

बारिश के मौसम में जहां ठंडा दूध और दही कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, वहीं छाछ एक सुरक्षित, हल्का और पाचक विकल्प है। आयुर्वेद भी यही सलाह देता है कि मौसम के हिसाब से खाएं और अपने शरीर की प्रकृति को समझें। अगर आपको पेट से जुड़ी बार-बार कोई दिक्कत हो रही है, तो खुद से इलाज करने के बजाय किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या पाचन रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

Leave a Comment