Balrampur: ब्रेनवॉश, धर्मांतरण और पैसों का खेल का पर्दाफाश, विदेशी मिशनरियों से थी छांगुर बाबा की साठगांठ

छांगुर बाबा के खिलाफ चल रही जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एटीएस की छानबीन में पाया गया कि वह ईसाई मिशनरियों के संपर्क में था। वह गरीबों और दलितों को लालच देकर धर्मांतरण कराता था।

उत्तर प्रदेश में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के काले कारनामों का परत दर परत खुलासा हो रहा है। यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा की सांठगांठ सिर्फ कुछ कट्टरपंथी संगठनों से ही नहीं थी, वह नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में सक्रिय ईसाई मिशनरियों से जुड़ा था। छांगुर बाबा गरीब, दलित और बीमार लोगों को पैसों और बेहतर जीवन का लालच देकर धर्मांतरण के लिए ब्रेनवॉश करता था।

धर्मांतरण रैकेट का खुलासा

बाबा पहले ग़रीब और कमजोर परिवारों के बारे में जानकारी जुटाता था। जानकारी मिलने के बाद परेशान, पिछड़े और दलित लोगों की मदद करने के बहाने उनका ब्रेनवॉश करता और धर्मांतरण करने के लिए उकसाता था। छांगुर को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसलिए उसने अपने काम में कई लोगों को लगा रखा था। नसरीन और नवीन नाम के सहयोगियों की मदद से धर्मांतरण का पूरा रैकेट खड़ा किया था। नसरीन फंड का हिसाब रखती थी, जबकि नवीन प्रशासन और पुलिस से साठगांठ करता था।

झूठी कहानी सुनाकर जाल बुना

छांगुर बाबा नसरीन और नवीन के सफलता की झूठी कहानी लोगों को बताता और कहता था कि अगर तुम भी इस्लाम कबूल कर लोगे तो तुम्हारी भी जिंदगी बदल जाएगी और मुसीबतों से छुटकारा मिल जाएगा। हालांकि यूपी एटीएस छांगुर बाबा के परत दर परत काले कारनामों को सबके सामने लाने के लिए काम कर रही है। दावा किया जा रहा है कि अभी इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

धर्म परिवर्तन के नाम पर मिलती थी फंडिंग

छांगुर बाबा ने “शिजरा-ए-तैय्यबा” नामक किताब छपवाकर इस्लाम का प्रचार शुरू किया। वह दरगाह चांद औलिया में बड़ी धार्मिक सभाओं का आयोजन करता था, जहां देश-विदेश से लोग आते थे। बताया गया है कि उसे इस्लामिक देशों से फंडिंग भी मिलती थी। उसकी कोठी सुरक्षा के लिहाज से किसी किले से कम नहीं थी। ऊंची दीवारें, बिजली वाले कंटीले तार और सख्त निगरानी की व्यवस्था थी। एटीएस का दावा है कि अभी कई और खुलासे बाकी हैं और छांगुर बाबा का नेटवर्क बहुत गहरा और खतरनाक है।

बेहतर जीवन का लालच देता था

छांगुर बाबा लड़कियों और युवाओं को निकाह और बेहतर जीवन का सपना दिखाकर धर्म बदलने के लिए उकसाता था. इसके अलावा उन्हें फ्री इस्लामी शिक्षा, विदेश में नौकरी और आर्थिक मदद का भी झांसा दिया जाता था. नेपाल और खाड़ी देशों में भेजने का हवाला देकर लोगों को बहकाया जाता था.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

Leave a Comment