Rampur में पानी से निकली आग! खेत बना आतिशबाज़ी का मैदान

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से लगे रामपुर जिले के टांड़ा खेम गांव में एक चौंकाने वाली घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। बुधवार को यहां एक किसान के खेत में पानी के अंदर से अचानक आग के शोले निकलने लगे। यह नजारा ऐसा था मानो पानी में आतिशबाजी हो रही हो। इस अनोखी घटना को जिसने भी देखा, वह दंग रह गया।

खेत में भरे पानी में उठने लगे शोले

दरअसल किसान हंसराज कंबोज अपने खेत में पानी भर रहे थे। तभी अचानक उन्होंने देखा कि पानी में से कुछ जलता हुआ उठ रहा है। कुछ ही देर में ये जलते हुए शोले तेज हो गए और खेत में मौजूद पानी से बार-बार आग जैसी लपटें निकलने लगीं। गांव वालों को जब यह पता चला तो वे भी तुरंत मौके पर पहुंच गए। कुछ लोगों ने इस दृश्य को मोबाइल में कैद कर लिया और जल्द ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

घटना को दैवीय शक्ति बता रहे कुछ लोग

गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, किसी ने भी ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा था। लोग हैरान हैं कि आखिर पानी में आग कैसे लग सकती है? कुछ लोग इसे दैवीय शक्ति बता रहे हैं, तो कुछ इसे प्राकृतिक चमत्कार या वैज्ञानिक रहस्य मान रहे हैं। गांव में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।

रासायनिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं कारण

अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा हुआ कैसे? क्या यह कोई चमत्कार है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है? अभी तक किसी वैज्ञानिक टीम ने इस घटना की जांच नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मिट्टी में मौजूद गैसें या रासायनिक प्रतिक्रियाएं इसके पीछे कारण हो सकती हैं। खेतों में लंबे समय से कीटनाशकों और रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है, जिससे जमीन की संरचना और उसमें मौजूद तत्वों में बदलाव आता है। ऐसा संभव है कि खेत की मिट्टी में मेथेन या किसी ज्वलनशील गैस का रिसाव हो रहा हो, जो पानी के संपर्क में आकर जलने लगी हो। कई बार जैविक अपघटन (organic decomposition) से ऐसी गैसें बनती हैं, और अगर जमीन में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा हो, तो वह आग पकड़ सकती है।

किसानों के लिए एक चेतावनी

इस घटना ने किसानों के लिए एक चेतावनी की तरह भी काम किया है। खेतों में बेहतर पैदावार के चक्कर में अत्यधिक रासायनिक खादों और कीटनाशकों का उपयोग, मिट्टी और पानी दोनों के लिए खतरनाक होता जा रहा है। यह घटना सिर्फ एक चमत्कार नहीं, बल्कि यह संकेत हो सकता है कि प्रकृति अब जवाब देने लगी है।

फिलहाल प्रशासन और कृषि विभाग को चाहिए कि इस घटना की जल्द से जल्द जांच करवाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। वहीं, आम जनता और किसान भाइयों को भी अब यह सोचने की जरूरत है कि कहीं ज्यादा उत्पादन की होड़ में हम अपने खेतों की आत्मा को तो नहीं जला रहे?

रामपुर की यह घटना भले ही रहस्यमयी हो, लेकिन यह हमें सोचने पर मजबूर जरूर करती है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का अंजाम कितना गंभीर हो सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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