शुभमन गिल को जैसे ही टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई, उनके खेल में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला. एजबेस्टन टेस्ट में गिल ने 204 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जिससे उन्होंने विराट कोहली का 149 रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उन्होंने 2018 में इसी मैदान पर बनाया था. गिल अब एजबेस्टन में बतौर भारतीय कप्तान सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं.
विदेश में चला गिल का बल्ला, टूटा 5 साल का सूखा
टेस्ट क्रिकेट में खासकर एशिया से बाहर गिल की बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठते रहे थे. इंग्लैंड दौरे से पहले उनके नाम सिर्फ 88 रन थे, लेकिन इस सीरीज की तीन पारियों में ही उन्होंने 300 से ज्यादा रन ठोक डाले. लीड्स टेस्ट में 147 रन से धमाकेदार शुरुआत करने के बाद गिल ने एजबेस्टन में दोहरा शतक जड़कर आलोचकों को करारा जवाब दिया.
इतिहास रचा: इंग्लैंड में डबल सेंचुरी जड़ने वाले पहले भारतीय कप्तान
शुभमन गिल इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं. इससे पहले कोई भी कप्तान यह कारनामा नहीं कर पाया था. इतना ही नहीं, वह इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय भी बन गए हैं. उनसे पहले केवल सुनील गावस्कर (221 रन) और राहुल द्रविड़ (217 रन) ने ही यह उपलब्धि हासिल की थी.
जडेजा के साथ दोहरी साझेदारी, स्कोर पहुंचा 500 पार
गिल की पारी में तकनीक, संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन देखने को मिला. उन्होंने करुण नायर और ऋषभ पंत के साथ अर्धशतकीय साझेदारियां कीं, लेकिन रवींद्र जडेजा के साथ उनकी 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी सबसे निर्णायक रही. इसी की बदौलत टीम इंडिया पहली पारी में 500 के पार पहुंचने में सफल रही.
गिल की पारी बनी करियर की सबसे खास इनिंग्स
शुभमन गिल के करियर की ये सबसे शानदार पारियों में शुमार होगी. उन्होंने अपनी शॉट सलेक्शन से यह साबित कर दिया कि कप्तानी का दबाव उनके प्रदर्शन में निखार लाता है. 25 साल की उम्र में विदेशी टेस्ट सीरीज में 300+ रन बनाने वाले पहले भारतीय कप्तान बनकर गिल ने खुद को भविष्य का टेस्ट लीजेंड घोषित कर दिया है.
शुभमन गिल की यह पारी सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के नए युग की दस्तक भी है, जहां युवा नेतृत्व मैदान पर भी उदाहरण बन रहा है.
