रविवार को प्रयागराज के करछना थानाक्षेत्र के इसौटा गांव में तनाव उस वक्त भड़क गया जब भीम आर्मी के समर्थकों ने जमकर बवाल मचाया. यह हंगामा 12 अप्रैल को दलित युवक देवी शंकर (35) की हत्या और शव जलाए जाने की घटना को लेकर हुआ, जिसमें पीड़ित परिवार से मिलने प्रयागराज पहुंचे सांसद चंद्रशेखर आज़ाद रावण को प्रशासन ने सर्किट हाउस में रोक दिया.
सड़क पर समर्थकों का प्रदर्शन और बवाल
प्रशासन की कार्रवाई से नाराज समर्थक रविवार शाम करछना-कोहड़ार मार्ग पर हनुमानपुर मोरी के पास जमा हो गए. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई और हिंसा पर उतर आई. समर्थकों ने पुलिस की चार गाड़ियों, एक निजी बस और करीब 10 राहगीर वाहनों में तोड़फोड़ कर दी.
दुकानों और राहगीरों पर हमला
भड़की भीड़ ने हनुमानपुर मोरी से लेकर भड़ेवरा बाजार तक दुकानों पर हमला किया और दुकानदारों से मारपीट व अभद्रता की. इस हिंसा में कई पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा.
पट्टे के मुद्दे पर भड़का विवाद
समर्थकों का आरोप है कि उन्हें आवासीय और कृषि भूमि के पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने दावा किया है कि 200 वर्ग मीटर आवासीय भूमि और 11 बीघा कृषि भूमि का आवंटन किया गया है.
सांसद की मांग और विरोध प्रदर्शन
सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को प्रयागराज एयरपोर्ट से ही रोक लिया गया और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर सर्किट हाउस भेजा गया. इसके विरोध में उन्होंने सर्किट हाउस परिसर में समर्थकों के साथ धरना दिया और मांग रखी कि या तो उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने दिया जाए या परिजनों को उनसे मिलवाया जाए.
राजनीतिक गर्मी और प्रशासन की चुनौती
घटना के बाद सपा, कांग्रेस और बसपा ने प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया कि क्षेत्र में तनाव है, लेकिन स्थिति को काबू में लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. सर्किट हाउस और गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
