उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसने पूरे शहर को चौंका दिया है। यहां के हेमंत विहार में रहने वाले नीरज गुप्ता नाम के व्यक्ति ने थक-हारकर सिस्टम के सामने घुटने टेक दिए और खुद रिश्वत की रकम का 30 हजार रुपये का चेक काटकर डीएम ऑफिस पहुंच गए। उन्होंने खुले तौर पर कहा, “अगर बिना रिश्वत के काम नहीं हो सकता, तो ये चेक ले लो और मेरा काम करवा दो।”
केडीए के एक साल से चक्कर काट रहे नीरज
ये मामला कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) से जुड़ा है, जहां नीरज पिछले एक साल से चक्कर काट रहे थे। दरअसल, उन्होंने 7 जून 2024 को एक भवन के रजिस्ट्रेशन और फ्री होल्ड कराने के लिए आवेदन किया था। कानूनी राय भी उनके पक्ष में आ चुकी है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि उनके नाम रजिस्ट्री करने में कोई बाधा नहीं है। इसके बावजूद केडीए के अधिकारियों ने उनका काम टालते हुए, उन्हें बार-बार दौड़ाया।
केडीए के ओएसडी कर रहे रिश्वत की मांग- नीरज
नीरज गुप्ता का आरोप है कि केडीए के एक अधिकारी, जिन्हें ओएसडी कहा जाता है, उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। कई बार मिलने के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो थक-हारकर उन्होंने डीएम से इसकी शिकायत की। नीरज का कहना है कि उन्होंने बार-बार गुहार लगाई, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने खुद रिश्वत का चेक काटकर अर्जी के साथ डीएम को सौंप दिया।
प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस अनोखी घटना से एक बड़ा सवाल उठता है – क्या आम आदमी को अब अपना हक पाने के लिए भी रिश्वत की रकम खुद तय कर के देनी पड़ेगी? नीरज की इस हरकत ने ना सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आम जनता के बीच गुस्सा और निराशा भी बढ़ा दी है।
फिलहाल डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चेक और शिकायत को केडीए के वीसी (उपाध्यक्ष) के पास भेज दिया है और एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अब प्रशासन क्या कदम उठाता है।
इस मामले ने शहर में एक नई बहस छेड़ दी है – जब सिस्टम काम नहीं करता, तो आम आदमी क्या करे? नीरज गुप्ता की कहानी आज हर उस शख्स की आवाज बन गई है जो भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से परेशान है।
