Religion: 2 नवंबर के बाद ही बजेगा बैंड-बाजा-बारात, जानिए क्यों 4 महीने तक टलेंगी शादियां!

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है। खासतौर पर शादी, सगाई, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति देखी जाती है। इनमें गुरु और शुक्र ग्रह को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि ये ग्रह वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। जब इनकी स्थिति अनुकूल होती है, तभी शुभ कार्य किए जाते हैं। लेकिन अगर इनमें से कोई भी ग्रह अस्त यानी कमजोर हो जाए, तो शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

क्या है चातुर्मास और कब से शुरू हो रहा है?

हर साल की तरह इस साल भी चातुर्मास का आगमन होने जा रहा है। 2025 में चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इस समय को धार्मिक दृष्टि से विश्राम काल माना जाता है। चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है और इसका समापन देवउठनी एकादशी पर होता है। यह समय पूजा-पाठ और व्रत के लिए उपयुक्त माना जाता है, लेकिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य पर रोक होती है।

चातुर्मास में क्या नहीं करना चाहिए?

इस पवित्र अवधि में विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कार्य नहीं किए जाते। साथ ही, खाने-पीने में भी संयम बरतने की सलाह दी जाती है। चातुर्मास में मांस-मदिरा, प्याज, लहसुन, और हरी सब्जियों से परहेज किया जाता है। यह समय आत्मशुद्धि और भक्ति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

कब से मिलेंगे विवाह के शुभ मुहूर्त?

चातुर्मास खत्म होने के बाद एक बार फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। 2 नवंबर 2025 से विवाह, सगाई और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए शुभ समय शुरू हो जाएगा। अगर आप इस साल के अंत में शादी की प्लानिंग कर रहे हैं, तो नवंबर और दिसंबर में कई अच्छे मुहूर्त मिल रहे हैं।

नवंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त

2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर को विवाह जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

दिसंबर 2025 के विवाह मुहूर्त

4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के लिए बहुत शुभ योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये तिथियां विवाह के लिए बेहद शुभ मानी जा रही हैं।

अगर आप शादी या किसी शुभ कार्य की तैयारी कर रहे हैं, तो चातुर्मास के नियमों का ध्यान रखें और उसके बाद आने वाले शुभ मुहूर्त में ही कोई आयोजन करें। इस तरह आपके कार्य न सिर्फ धार्मिक रूप से सही होंगे बल्कि जीवन में सुख-शांति भी बनी रहेगी।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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