Politics: कांग्रेस का पोल-खोल अभियान: सरकार के 11 साल झूठे विकास के वादों का करेगी पर्दाफाश

कांग्रेस केंद्र से लेकर राज्य और जिलास्तर तक पोल-खोल अभियान चलाने की तैयारी में जुटी है. इस अभियान के तहत कांग्रेस मोदी सरकार के 11 साल मैं किए हुए झूठे वादों का पर्दाफाश करेगी। इसके लिए उसने वो तथ्य और आंकड़े जुटाए हैं, जिससे राज्यवार मोदी सरकार की पोल खोल की जा सके।

मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। पार्टी का दावा है कि यह “विकास” नहीं बल्कि “जुमलों” के 11 साल थे। इसी के तहत कांग्रेस ने 10 अहम मुद्दों को चिन्हित किया है, जिनके जरिए केंद्र सरकार की विफलताओं को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर तक जनता के सामने रखा जाएगा।

10 मुद्दों पर फोकस

कांग्रेस रिसर्च विभाग ने 11 साल के शासन में केंद्र सरकार की कथित नाकामियों की पूरी रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें ये 10 बिंदु शामिल हैं:

  1. आर्थिक मोर्चे पर नाकामी
  2. विदेश नीति भटकी हुई
  3. 11 साल में वो वादे जो जुमले साबित हुए
  4. सामाजिक ताने बाने को चोट
  5. संवैधानिक संस्थाओं और एजेंसी का बेजा इस्तेमाल
  6. चुनावी प्रक्रिया में धांधली
  7. क्रोनी कैपेटलिज़्म को बढ़ावा
  8. आतंकी हमलों पर जवाबदेही नहीं
  9. सेना के शौर्य पर सियासी लाभ लेने की लगातार कोशिश
  10. पीएम ने 11 सालों में एक भी पीसी क्यों नहीं की, जवाबदेही का सवाल

कांग्रेस की तैयारी पूरी

कांग्रेस ने राज्यवार आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर मीडिया, सोशल मीडिया, पोस्टर और रैलियों में इस अभियान की शुरुआत कर दी है। इसकी शुरुआत बिहार जैसे चुनावी राज्यों से हो चुकी है, जहां “जुमलों की लिस्ट” जारी की गई है।

कोविड के बाद से अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर पीठ थपथपा रही है, लेकिन जॉबलेस ग्रोथ हो रही है, कोविड के बाद अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर में है।

आंकड़ों की बाजीगरी का आरोप

कांग्रेस प्रवक्ता महिमा सिंह ने कहा कि सरकार पीएम किसान योजना के आंकड़े तो बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है, लेकिन सच्चाई ये है कि अप्रैल 2022 से नवंबर 2023 के बीच करीब 2.1 करोड़ किसानों को लाभार्थी सूची से हटा दिया गया, और सिर्फ 13 लाख नए किसान जोड़े गए, जबकि दावा 25 लाख का था।

इसी तरह और भी कई दावे हैं लेकिन उसकी सच्चाई कुछ और है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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