शादी का झांसा देकर लुटेरी दुल्हन के कारनामे तो आजकल आम हो गए हैं. मगर प्रयागराज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा कर दिया है. जिसके कारनामे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. बता दें कि ये गिरोह एक ऐसी लुटेरी दुल्हन का है, जिसने मात्र 3 सालों में ही 15 से अधिक विवाह और 6 से अधिक निकाह किए है. इस गिरोह में निकाह कराने वाले मौलवी से लेकर विवाह कराने वाले पंडित जी तक शामिल हैं. यहां तक कि कन्या दान के लिए दुल्हन के माता-पिता भी हैं. पुलिस के अनुसार गिरोह ने यूपी, हरियाणा से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश तक के हिंदू और मुस्लिम दूल्हों को अपना शिकार बनाया है.
विदाई से पहले या सुहागरात से पहले हो जाती थी फरार
मिली जानकारी के अनुसार शादी के बाद ये दुल्हन माल समेटकर विदाई के समय फरार हो जाया करती थी. अगर उस समय लुटेरी दुल्हन को भागने का मौका नहीं मिल पाता था, तो वह दूल्हे के साथ ससुराल तक जाती थी और फिर सुहागरात मनाने से ठीक पहले गहने जेवर समेटकर रफूचक्कर हो जाती थी. एक दो मामलों में जब भागने का मौका नहीं मिल सका तो यह दुल्हन शादी के दो तीन दिन बाद तक ससुराल में टिकी रही. इस दौरान जब उसे भागने का मौका नहीं मिल पाता था, तो उसके माता पिता का किरदार निभाने वाले जालसाज आकर विदाई करा कर ले जाया करते थे.
हरियाणा-राजस्थान के लड़कों को बनाते थे शिकार
बीते कुछ वक्त से इस तरह की घटनाओं में इजाफा हो गया था. खासतौर पर हरियाणा और राजस्थान में शादी के इच्छुक लड़कों को जाल में फंसाया जाता था. उसके बाद इन लड़कों से शादी रचाकर और उन्हें लूटकर भाग जाने के मामले खूब देखने को मिले हैं. पिछले कुछ दिनों पहले प्रयागराज में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था. जिसमें अलवर राजस्थान के रहने वाले युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को एक गोपनीय इनपुट मिला. जिसमें बताया गया था कि प्रयागराज के खुल्दाबाद में इस गिरोह से जुड़े लोग मौजूद हैं.
गोपनीय इनपुट मिलने पर पुलिस ने दबिश दे की धरपकड़
इस इनपुट के मिलने पर पुलिस ने दबिश दी और घनश्याम नगर रेलवे क्रॉसिंग पैदल पुल के पास से एक युवती को गिरफ्तार कर लिया गया. इस युवती की पहचान करेली में रहने वाली शहाना के रूप में की गई. फिर इस युवती की निशानदेही पर पुलिस ने पीपलगांव से निशा व प्रीति, झूंसी से ममता भारतीय व शाहगंज के आसिफ व मो़. जैनुल के अलावा राजथान अलवर के श्रीराम गुर्जर को अरेस्ट कर लिया. आरोपी श्रीराम को इस गिरोह का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. जो कि गिरोह में शिकार तलाशने से लेकर वारदात की रूप रेखा तय करने तक का काम किया करता था.
जालसाज ऐसे लड़कों को फंसाते थे अपने जाल में
गिरोह के जालसाज तीनों राज्यों में ऐसे युवाओं की तलाश में रहते थे जिनकी लाख कोशिशों के बाद भी शादी नहीं हो पा रही थी. जैसे ही ऐसा कोई युवक मिल जाता था, तो आरोपी अलग अलग माध्यमों से उससे संपर्क साधते थे और शादी कराने का झांसा देते थे. इसके बाद युवक को लड़की दिखाई जाती और फिर दूल्हा हिंदू हो तो शादी और अगर मुस्लिम हो तो निकाह का कार्यक्रम तय कर लिया जाता था. इसमें पंडित या मौलवी भी जालसाज खुद ही बन जाया करते थे. इस प्रकार तीन साल में इस गिरोह ने 20 से अधिक शादियों को अंजाम दे डाला.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस की पूछताछ के दौरान नकली दुल्हन और उसके साथियों ने कहा कि भरसक कोशिश की जाती थी कि शादी के तुरंत बाद ही दुल्हन सारा नगदी जेवर समेट कर गायब हो जाए. यदि ऐसा नहीं हो पाता, तो दुल्हन विदाई के दौरान बीच रास्ते में किसी बहाने से गाड़ी रुकवा लेती और फरार हो जाती. यदि इस दौरान भी मौका नहीं मिल पाता तो ससुराल जाकर सुहागरात से ठीक पहले फरार होने की कोशिश किया करती थी. आरोपी दुल्हन ने बताया कि दो मामलों में उसे भागने का मौका नहीं मिल सका और मजबूरी में उसे दूल्हे के घर में दो तीन दिनों तक रूकना पड़ गया था.
