भारतीय घरों में लंच से लेकर डिनर तक सब्जियां हमेशा खास जगह रखती हैं. ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और सेहत को मजबूत बनाती हैं. लेकिन अगर ये सब्जियां केमिकल से संक्रमित हों, तो वे नुकसानदेह साबित हो सकती हैं.
गर्मियों की पसंद: लौकी और तोरई
गर्मियों के मौसम में लौकी और तोरई खाने में हल्की और सेहतमंद होती हैं. परंतु, बाजार में नकली और केमिकल से पकी लौकी-तोरई भी मिलने लगी हैं, जो चमकीली दिखती हैं पर सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं.
चमक और बनावट से करें पहचान
अगर लौकी या तोरई असामान्य रूप से ज्यादा चमकदार, चिकनी या प्लास्टिक जैसी लग रही हो, तो इनमें केमिकल पॉलिश हो सकती है. नेचुरल सब्जी की त्वचा थोड़ी मटमैली और हल्के दाग-धब्बों वाली होती है.
सूंघने और छूने से पहचानें केमिकल
अगर सब्जी छूने पर चिपचिपी लगे या उसमें केमिकल जैसी तेज गंध हो, तो वह केमिकल युक्त हो सकती है. खरीदते समय इन्हें छूकर और सूंघकर जांचना जरूरी है.
ताजगी का प्राकृतिक संकेत
असली लौकी और तोरई सामान्यत: 1-2 दिन में थोड़ी मुरझा जाती हैं. अगर सब्जी कई दिनों तक बिना खराब हुए ताजी जैसी दिखे, तो उसमें प्रिजर्वेटिव या केमिकल इस्तेमाल हो सकता है.
अंदर और बाहर के रंग का अंतर देखें
जब आप सब्जी छीलते हैं, तो ध्यान दें कि अंदर और बाहर का रंग समान हो. अगर बाहर बहुत हरा और अंदर सफेद स्पंज जैसा हो, तो बाहरी हिस्से पर केमिकल छिड़का गया हो सकता है.
पानी में भिगोकर जांच करें
धोने से पहले 5-10 मिनट साफ पानी में भिगोने पर अगर पानी में रंग घुले या ऊपर तेल जैसी परत बने, तो समझिए सब्जी पर केमिकल की लेयर लगी है.
