27 साल की लक्ष्मी ने कड़ी मेहनत से नर्स बनकर अपने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया. ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी मिलते ही उसके माता-पिता ने उसकी शादी सूरजपुर मिग्सन सोसाइटी निवासी सौरभ से तय की. खुशी-खुशी बेटी को विदा किया गया, मगर किसी को अंदाजा नहीं था कि यह शादी उसकी जिंदगी छीन लेगी.
सपनों का घर बना यातनाओं का अड्डा
शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल में लक्ष्मी के लिए हालात बिगड़ने लगे. ससुराल वाले लगातार पैसों की मांग करने लगे और प्रताड़ना का सिलसिला शुरू हो गया. पति सौरभ ने बलेनो कार की मांग रख दी और बात शारीरिक व मानसिक अत्याचार तक पहुंच गई.
समझौते के बाद फिर से लौटी थी ससुराल
लक्ष्मी ने मायके आकर अपनी पीड़ा बताई, जिसके बाद परिवार ससुराल पहुंचा. बातचीत के बाद समझौता हुआ और लक्ष्मी फिर से अपने ससुराल लौट गई. लेकिन यही वापसी उसकी जिंदगी की आखिरी वापसी साबित हुई.
सवालों के घेरे में मौत
कुछ दिनों बाद लक्ष्मी का फोन नहीं मिला, जिससे परिजन चिंतित हो उठे. जब वे ससुराल पहुंचे तो घर बंद मिला. बाद में उन्हें पता चला कि लक्ष्मी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. शरीर पर चोटों के निशान थे.
इंसाफ की उम्मीद
परिजनों ने साफ आरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर लक्ष्मी की हत्या की गई. पुलिस ने पति, सास-ससुर और अन्य परिजनों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पीड़ित परिवार अब सिर्फ अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहा है.
