92 वर्षीय इलमचंद तोमर न केवल बागपत बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय हैं. जहां कई लोग इस उम्र में जिंदगी से हार मान लेते हैं, वहीं ये बुजुर्ग खिलाड़ी लगातार दौड़ लगाकर फिटनेस और जुनून की मिसाल पेश कर रहे हैं. इन्हें खेल जगत की 100 हस्तियों में ‘वृद्ध अचीवर्स’ का अवार्ड भी मिल चुका है.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाल
इलमचंद तोमर ने अब तक करीब 600 पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें 200 से अधिक स्वर्ण पदक शामिल हैं. 2002 में पांडुचेरी में वेस्टर्न खेलों से शुरुआत करने वाले इस बुजुर्ग खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हाल ही में चेन्नई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप और हरियाणा की ऑल इंडिया योगासन प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी योग्यता साबित की है.
बागपत का ‘मिल्खा सिंह’ जो युवाओं को योग भी सिखाते हैं
इलमचंद तोमर बागपत के ‘मिल्खा सिंह’ कहे जाते हैं. वर्तमान में हरियाणा के सिरसा में शाह सतनाम शिक्षण संस्थान में वे बच्चों को योग सिखाकर स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनकी इस सक्रियता ने युवाओं को भी प्रेरित किया है.
उम्र है बस एक संख्या, जज्बा है सबसे बड़ी ताकत
इलमचंद की कहानी इस बात का जीवंत प्रमाण है कि उम्र कभी भी किसी का बाधक नहीं बन सकती. उनके हौंसले और फिटनेस के आगे कई युवा खिलाड़ी भी फीके पड़ जाते हैं. उनकी उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो हमें बताती हैं कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.
