पाकिस्तान में फलते-फूलते आतंकवाद के खिलाफ भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस ऑपरेशन में भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत की सैन्य ताकत का संदेश दुनिया भर में गया. भारत ने आतंकवाद से निपटने की दिशा में अपनी रणनीति को और मजबूत किया है, और ब्रह्मोस मिसाइल ने इस जवाब को और प्रभावशाली बना दिया.
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल और कैसे काम करती है?
ब्रह्मोस एक अत्याधुनिक और सटीक-स्ट्राइक मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने संयुक्त रूप से विकसित किया. इसे जमीन, समुद्र और आकाश से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह एक बहुपरकारी हथियार साबित होता है. ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सुपरसोनिक गति है, जो इसे अपने दुश्मन को चकमा देने में सक्षम बनाती है. इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है, जबकि इसके उन्नत वेरिएंट में यह रेंज 500 से 800 किलोमीटर तक पहुंच सकती है.
सुपरसोनिक गति से दुश्मन की धरती तक सटीक प्रहार
ब्रह्मोस मिसाइल की गति मैक 3 है, यानी यह ध्वनि की गति से तीन गुना तेज उड़ान भर सकती है. यह 200 से 300 किलोग्राम तक के विस्फोटक पेलोड को 15 किमी की ऊंचाई से छोड़ सकती है, और यह जमीन से महज 10 मीटर की ऊंचाई पर सटीक निशाना लगाने की क्षमता रखती है. इसकी रेंज और गति के कारण यह दुश्मन के लिए एक बेहद खतरनाक हथियार साबित होती है. यह मिसाइल हर मौसम और दिन-रात के किसी भी समय काम करने के लिए डिजाइन की गई है, जो इसे बेहद विश्वसनीय बनाती है.
भारत-रूस साझेदारी: ब्रह्मोस की सफलता का राज
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी के रूप में विकसित किया गया था. फरवरी 1998 में दोनों देशों के बीच एक अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, और इस परियोजना के लिए ₹2,135 करोड़ की पूंजी का निवेश किया गया था. ब्रह्मोस का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है.
भारत की सैन्य शक्ति को एक नई पहचान देता ब्रह्मोस
2001 में ब्रह्मोस का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया, और इसके बाद 2005 में भारतीय नौसेना ने इसे INS राजपूत में शामिल किया. 2007 में भारतीय सेना ने भी इसे अपनी रेजिमेंटों में शामिल किया. वायुसेना ने भी सुखोई-30 MKI विमान के साथ इसका एयर-लॉन्च वर्जन पेश किया. ब्रह्मोस की कीमत लगभग ₹34 करोड़ प्रति मिसाइल बताई जाती है, और यह भारत की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है.
लखनऊ में ब्रह्मोस के प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन
हाल ही में, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस के प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को ऑपरेशन सिंदूर में देखा गया है. अगर पाकिस्तान से पूछा जाए, तो वे ही इसकी असल ताकत जानेंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति की घोषणा की है, जिसमें अब कोई आतंकी घटना युद्ध जैसी होगी, और आतंकवाद को तब तक कुचलने का कार्य किया जाएगा जब तक उसका समाधान नहीं निकलता.
